कुमार इंदर,जबलपुर। मध्यप्रदेश के जबलपुर पहुंचे आरएसएस प्रमुख डॉ मोहन भागवत (RSS chief Dr Mohan Bhagwat) ने मानस भवन सभागार में समरसता व्याख्यानमाला को संबोधित किया. मोहन भागवत ने कहा कि संघ हिंदू समाज को संगठित करने का काम कर रहा है. धर्म समाज में पहले भेदभाव को दूर करने का काम करता हैं. कोई अपवित्र नहीं है, कोई ऊंचा नीचा नहीं है, सब सामान्य है. एक में सब है, सब में एक है. इस भावना से हमें आगे बढ़ना होगा.

आरएसएस प्रमुख डॉ मोहन भागवत (RSS chief Dr Mohan Bhagwat) ने कहा कि स्वार्थ के स्वभाव ने हमको ऊंच-नीच सिखा दिया. अब समय जागने का है. धर्म को जानने के लिए सत्य पर चलना पड़ता है. कहीं भी भेद का समर्थन अध्यात्म में नहीं है. समरसता के कार्यक्रम को चलाने की जरूरत फिर से है. समरसता केवल भावना से नहीं उस पर अमल करने से आती है. भेद का भाव को लेकर चलने वाले को आगे चलकर बुर्का ओढ़ना पड़ता है. कोई ऊंच-नीच नहीं है, सब समान है, हम सब भारत माता के पुत्र हैं.

नरसिंह पीठाधीश्वर स्वामी श्याम देवाचार्य की पुण्यतिथिः संघ प्रमुख मोहन भागवत बोले- दुनिया में सबसे ज्यादा संत ही करते हैं सेवा, सनातन धर्म का मतलब ही हिंदू राष्ट्र, भारत बनेगा विश्व गुरु

समरसता के साथ भारत विश्व गुरु बनना चाहिए

उन्होंने आगे कहा कि गलती को ठीक करना है, गलती करने वाले को ठीक नहीं करना. जातिवाद, छुआछूत हजारों साल पुरानी बीमारी है. इस बीमारी से लड़ने के लिए बहुत सतर्क समझदारी से चलना होगा. जो लोग घर छोड़कर चले गए उनको भी हम वापस लाएंगे. समरसता के साथ भारत विश्व गुरु बनना चाहिए.

संतों की कोई जाति नहीं होती

अपना दायरा बढ़ाना होगा, तब समरसता होगी. यही राष्ट्रीय कर्तव्य है. जैसा बोलते हैं, वैसा करना पड़ेगा तब जाकर सामाजिक समरसता आएगी. सिर्फ लोगों का जमावड़ा सामाजिक समरसता नहीं है. सबकी सोच, लक्ष्य एक होना चाहिए. संतों की कोई जाति नहीं होती. इसलिए उनकी जयंती, समारोह में सभी जाति के लोग शामिल होना चाहिए.

Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus