शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश में हाईकोर्ट के आदेश के बाद जूनियर डॉक्टर्स ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया है. अब जूडा ने शाम को प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर मीडिया के सामने अपनी बात रही है. जूडा ने बताया कि चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने उनकी कोई मांगे नहीं माने हैं. उन्होंने केवल आश्वासन दिया था. जिसके बाद जूडा के पास हड़ताल के अलावा कोई विकल्प नहीं था. जूडा के सामूहिक इस्तीफे के बाद अब मेडिकल टीचर्स संघ ने भी जूनियर डॉक्टर्स का समर्थन दिया है. मांगे पूरी नहीं होने पर मेडिकल टीचर्स भी हड़ताल पर जाने का संकेत दिए हैं.

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प्रेस कॉन्फ्रेंस में जूनियर डॉक्टर्स ने कहा कि दवाई और संसाधन नहीं होने पर भी जूडा ने मरीजों का उपचार किया. बावजूद इसके जीएमसी जूनियर डॉक्टर्स के अध्यक्ष हरीश पाठक के परिजनों को पुलिस लगातार परेशान कर रही है. इस दौरान जूडा ने ये भी बताया कि तृतीय वर्षों के छात्रों का इनरोलमेंट रद्द किया जा रहा है. जूनियर डॉक्टर्स का कहना है कि सरकार किसी अजनबी आदमी से जानबूझकर कोर्ट में याचिका लगवाई है.

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हालांकि हाईकोर्ट के आदेश के बाद जूडा ने अपना सामूहिक इस्तीफा दे दिया है, अब इस्तीफे के बाद भी जूनियर डॉक्टर्स ने हड़ताल जारी रखने का फैसला किया है. उनका कहना है कि जब तक सरकार मांगें नहीं मानती है, तब तक जूडा का आंदोलन जारी रहेगा. सरकार निर्दोष जूडा को आरोपी बना रही है, जूडा ने सरकार को कभी ब्लैकमेल नहीं किया.

जूडा ने दिया सामूहिक इस्तीफा

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई, जिसके बाद जबलपुर में जूडा ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया. जबलपुर मेडिकल कॉलेज के 400 जूनियर डॉक्टर्स, ग्वालियर के गजरा राजा मेडिकल कॉलेज के 330 जूनियर डॉक्टर्स और इंदौर में भी लगभग 450 जूनियर डॉक्टर्स ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया.

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