राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। केंद्र सरकार ने गुरुवार को मेडिकल कोर्सेज के स्टूडेंट्स के लिए अहम फैसला लिया है. सरकार ने ओबीसी और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए रिजर्वेशन लागू किया है. जिसको लेकर जहां एक तरफ मध्य प्रदेश में एमपी भाजयुमो ने जमकर जश्न मनाया. वहीं दूसरी तरफ पूर्व सीएम कमलनाथ ने मामले को लेकर शिवराज सरकार को घेरा है. कमलनाथ ने ट्विट करते हुए कहा कि शिवराज सरकार कब अपना पिछड़ा वर्ग विरोधी रवैया त्यागेगी.
इसे भी पढ़ें : MP BJP ने किया पदाधिकारियों का कार्य विभाजन, जानिए किसे क्या मिली जिम्मेदारी
पूर्व सीएम कमलनाथ ने मोदी सरकार के फैसले के बाद एक के बाद एक कई ट्वीट किए. उन्होंने कहा, ”हमने पिछड़ा वर्ग के उत्थान के लिए प्रदेश में ओबीसी वर्ग के आरक्षण को हर क्षेत्र में बढ़ाकर 27% करने का निर्णय लिया था. अब मोदी सरकार ने भी हमारी इस वर्ग की उत्थान की भावना को समझते हुए, अभी सिर्फ़ मेडिकल एजुकेशन के क्षेत्र में ओबीसी वर्ग को 27% आरक्षण देने का निर्णय लिया है. जबकि इस वर्ग के उत्थान के लिए सभी क्षेत्रों में यह आज लागू करने की आवश्यकता है. ख़ैर देर आए लेकिन पूरी तरह से दुरुस्त अभी भी नहीं आए.”
इसे भी पढ़ें : वैक्सीनेशन सेंटर पर शराबी का हाई वोल्टेज ड्रामा, कहा- ”हम दिलजले हैं दिलजले और सबको चुटकियों में उड़ा देंगे”
वहीं कमलनाथ ने प्रदेश की शिवराज सरकार निशाना साधते हुए कहा, ”अब शिवराज सरकार कब अपना पिछड़ा वर्ग विरोधी रवैया त्याग कर, आधी आबादी वाले इस वर्ग के उत्थान के लिए, हमारी सरकार के इस वर्ग के हित में लिये गये ऐतिहासिक निर्णय को प्रदेश में लागू करने के लिये पहल करेगी व इसकी सारी बाधाएँ दूर करने की दिशा में कार्य करेगी. या इस मामले में सिर्फ़ राजनीति बयानबाज़ियाँ कर, प्रदेश में इसे लंबित रखने के तमाम हथकंडे अपनाकर, इस वर्ग के उत्थान में हमेशा की तरह बाधा बनती रहेगी.”
या इस मामले में सिर्फ़ राजनीति बयानबाज़ियाँ कर , प्रदेश में इसे लंबित रखने के तमाम हथकंडे अपनाकर , इस वर्ग के उत्थान में हमेशा की तरह बाधा बनती रहेगी ?
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) July 29, 2021
मोदी सरकार का बड़ा फैसला
गौरतलब है कि भारत सरकार ने मेडिकल एजुकेशन के क्षेत्र में ऐतिहासिक फैसला लेते हुए ओबीसी (OBC) वर्ग के छात्रों को 27% और ईडब्ल्यूएस (EWS) वर्ग के छात्रों को 10% आरक्षण का लाभ देने की घोषणा की है. मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्रों को ऑल इंडिया कोटा के तहत आरक्षण का लाभ दिया जाएगा. ऑल इंडिया मेडिकल कोटा, मेडिकल या डेंटल कोर्सेज में अंडरग्रेजुएट (UG) और पोस्टग्रेजुएट (PG) कोर्सेज यानी एमबीबीएस (MBBS), एमडी (MD), एमएस (MS), बीडीएस (BDS), एमडीएस (MDS), डिप्लोमा कोर्सेज के शैक्षणिक सत्र 2021-22 से लागू किया जाएगा.
इसे भी पढ़ें : OBC महासभा का प्रदर्शन: महिला प्रदर्शनकारियों के साथ पुलिस ने की मारपीट, कई कार्यकर्ता हुए गिरफ्तार
हाईकोर्ट ने आरक्षण पर रोक
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में मंगलवार को ओबीसी वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण देने पर सुनवाई की. हाईकोर्ट ने इस सुनवाई में ओबीसी वर्ग के 27 फीसदी आरक्षण पर अपनी रोक को बरकरार रखा है. वहीं कोर्ट ने इसके आदेश में अंतरिम बदलाव करते हुए ओबीसी वर्ग की सभी भर्तियों को 14 फीसदी रिजर्वेशन के साथ करने के आदेश दिए हैं. इस मामले में अगली सुनवाई 10 अगस्त को होगी.
इसे भी पढ़ें : OBC आरक्षण मामले में सुप्रीम कोर्ट में दायर हुई कैविएट, HC में भी फैसले पर रिव्यू पिटीशन दाखिल
क्या है पूरा मामला
प्रदेश में ओबीसी वर्ग की आबादी 50 फीसदी होने का हवाला देते हुए ओबीसी वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण देने की याचिका हाईकोर्ट में लगाई गई थी. कांग्रेस ने अपने 15 महीने के कार्यकाल में ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला किया था. वहीं ओबीसी वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण देने पर आरक्षण का कुल कोटा 50 फीसदी से भी अधिक हो रहा है. इसे लेकर हाईकोर्ट में अलग-अलग पक्षों ने याचिकाएं भी लगाई है. जिस पर हाईकोर्ट की सुनवाई जारी है. रिजर्वेशन के फैसले की वजह से भर्ती प्रक्रियों में भी परेशानी हो रही थी, जिसे देखते हुए हाईकोर्ट ने सुनवाई की है, जहां ओबीसी वर्ग की भर्ती प्रक्रिया अभी 14% आरक्षण के अनुसार होगी.
इसे भी पढ़ें : बड़ी खबर: OBC आरक्षण मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट जा सकती है सरकार, BJP सांसद ने कहा- हाईकोर्ट का निर्णय अंतिम नहीं!
राज्यों में मौजूदा व्यवस्था में आरक्षण
अन्य राज्यों में आरक्षण व्यवस्था की बात की जाए तो हरियाणा में कुल 70 फीसदी आरक्षण है. तमिलनाडु में 68, महाराष्ट्र में 68 और झारखंड में 60 फीसदी आरक्षण है. वहीं, राजस्थान में कुल 54 फीसदी, उत्तर प्रदेश में 50 फ़ीसदी, बिहार में 50 फ़ीसदी और पश्चिम बंगाल में 35 फीसदी आरक्षण व्यवस्था है. आंध्र प्रदेश में तो कुल 50 फ़ीसदी आरक्षण दिया जाता है. इसमें महिलाओं को 33.33 फीसदी अतिरिक्त आरक्षण है. पूर्वोत्तर की बात की जाए तो अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, नागालैंड, मिजोरम में अनुसूचित जनजाति के लिए 80 फीसदी आरक्षण है.
इसे भी पढ़ें : OBC आरक्षण मामले में सरकार करेगी नामी वकील हायर, कांग्रेस ने कहा- 15 साल हो गए कब करेंगे?
- मध्यप्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक