इमरान खान,खंडवा। मप्र के खंडवा जिले के किल्लौद के आदिवासी बालिका छात्रावास में रहने वाली 2 छात्राओं की मौत और अन्य छात्राएं बीमार हो गई हैं. इसके विरोध में आज आदिवासी संगठन जयस के कार्यकर्ताओं ने खंडवा कलेक्ट्रेट में जमकर हंगामा किया और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की. कलेक्टर ने छात्रावास के अधिक्षिका को सस्पेंड कर दिया है. अधिकारियों की टीम बनाकर व्यवस्थाएं सुधारने के लिए मौके पर भेजा गया.

खंडवा जिले भर में हॉस्टल और छात्रावासों में सेहत से खिलवाड़ का आरोप लगाते हुए आज आदिवासी संगठन जयस के कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट में जमकर हंगामा किया. नारेबाजी करते हुए कलेक्टर से मिलने की मांग पर अड़े गए. करीब एक घंटे तक धरने पर बैठ गए. जब कलेक्टर अनुप कुमार सिंह मीटिंग खत्म कर आए और जयस कार्यकर्ताओं से मुलाकात की और उन्हें व्यवस्थाएं सुधारने का आश्वासन दिया. जयस के कार्यकर्ताओं ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा और कहा कि 2 आदिवासी बालिकाओं की मौत हुई है, उनको उचित मुआवजा दिया जाए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए.

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बता दें कि खंडवा के किल्लौद में कस्तूरबा बाई छात्रावास में बीमारी के चलते दो आदिवासी बालिका की मौत हो गई थी. वही 25 से ज्यादा छात्रा बीमार हो गई थी,  छात्राओं को बुखार सर्दी खासी उल्टी की शिकायत के चलते बीमार हो गई थी. इसमें एक छात्रा का इलाज जिला अस्पताल में जारी है. वही बाकी छात्राओं की हालत ठीक है. इस पूरे मामले में दो छात्राओं की मौत के बाद लगातार आदिवासी संगठन इसके विरोध में उतर आए हैं और कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.

मृतक बालिकाओं के परिजनों ने भी दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है. मृतक प्रियंका के पिता सूरज ने बताया कि जब हमारी बेटी की तबीयत ज्यादा खराब हो गई तो हॉस्टल से हमें फोन करके बताया गया. हमने जो हमेशा बना वैसा निजी चिकित्सालय में इलाज कराया, लेकिन बेटी की ज्यादा तबीयत खराब होने के कारण वह बच नहीं पाई. अब हम चाहते हैं कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो और हमें उचित मुआवजा दिया जाए.

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खंडवा कलेक्टर अनूप कुमार सिंह ने कहा कि इस पूरे मामले में हॉस्टल की वार्डन को सस्पेंड कर दिया गया है. साथी अधिकारियों की टीम बनाकर मामले की जांच की जा रही है और बीच में जो दोषी होगा उस पर कार्रवाई की जाएगी. छात्रावास में डॉक्टरों की टीम नियंत्रण उनका स्वास्थ्य परीक्षण कर रही है.

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