कुमार इंदर, जबलपुर। कटनी के बहोरीबंद के कुआं खड़रा गांव में एक तेंदुआ की मौत हो गई. तेंदुए की मौत दो दिन पहले हुई है. जबलपुर वेटरनरी कॉलेज में हुए पीएम के बाद उसका बिसरा प्रिजर्व कर लिया है. तेंदुआ के शरीर पर कहीं भी चोट या करंट के निशान नहीं मिले हैं. दो दिन में ही शव सड़ने लगा था.

दरअसल, 7 सितंबर को बहोरीबंद के कुआं खड़रा गांव में दुर्गा मंदिर के पास ग्रामीणों को तेंदुआ मृत अवस्था में मिला था. ग्रामीणों की सूचना पर वन विभाग की टीम ने मृत तेंदुआ को वेटरनरी कॉलेज पहुंचाया जहां पीएम किया गया. ऐसी संभावना जताई जा रही है कि तेंदुए की मौत भूख से हुई है. हालांकि पीएम रिपोर्ट में अभी इस बात का जिक्र नहीं किया गया है.

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पीएम रिपोर्ट में नहीं हो रहा मामला साफ

नानाजी देशमुख पशु चिकित्साल विज्ञान विश्वविद्यालय स्कूल ऑफ वाइल्ड लाइफ फॉरेंसिक एंड हेल्थ की हेड शोभा जावरे के मुताबिक मृत तेंदुआ की उम्र 4 साल है. उसकी पोस्टमॉर्टम की प्रारंभिक रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आए हैं कि उसकी मौत दो दिन पहले हो चुकी थी, उसका पेट भी खाली था. मतलब वह भूखा था, क्योंकि पीएम रिपोर्ट में तेंदुए के शरीर पर किसी भी प्रकार की चोट के निशान नहीं मिले हैं. लिहाजा ये आशंका बढ़ जाती है. तेंदुए की मौत भूख से हुई होगी. यदि वाकई में मौत भूख से हुई है तो, यह वन विभाग घोर लापरवाही है. हर साल करोड़ों रुपए खर्च किया जाता है. उसके बाद भी तेंदुए की मौत भूख हो जाती है तो, अपने आप से सवाल उठना लाजमी है.

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क्या जिम्मेदारों पर होगी कार्रवाई?

सवाल अब ये उठता है कि यदि वन विभाग की तरफ से इतनी घोर लापरवाही हुई है तो, क्या सरकार जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करेगी. क्योंकि मामला 2 जिलों का है. लिहाजा कटनी और जबलपुर DFO की जिम्मेदार बनती है कि आखिर जनकी रेंज में इतनी बड़ी घटना घट जाती है उनको खबर नहीं लगती.

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