रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की नाबार्ड के चेयरमैन जीआर चिंताला से वर्चुअल मीटिंग हुई. इस दौरान नाबार्ड की ओर से दी गई वित्तीय सहायता की जानकारी देते हुए भविष्य की योजनाओं की जानकारी दी.

डीएमडी पीवीएस सूर्याकुमार, सीजीबी एम सोरेन, जीएम एसएस तायडे और डीजीएम पीके मिश्रा की मौजूदगी में मुख्यमंत्री भूपेश बधेल को उनके कार्यकाल के दौरान नाबार्ड की ओर से किए गए कार्यों की जानकारी दी गई, जिसमें किसान क्रेडिट कार्ड धारकों को ऋण देने के लिए राज्य सहकारी बैंक एवं जिला सहकारी बैंकों को 1528 करोड़ रुपए और छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक को 50 करोड़ रुपए की ऋण सहायता प्रदान की है.

इसके अलावा कोविड-19 महामारी के दौरान भारतीय रिजर्व बैंक की ‘विशेष तरलता निधि’ के अंतर्गत राज्य सहकारी बैंक एवं जिला सहकारी बैंकों को 450 करोड़ रुपए की ऋण सहायता के अलावा विभिन्न बैंकों को रु. 455 करोड़ की कृषि मियादी ऋण की स्वीकृति दी है. यही नहीं राज्य सरकार को आरआईडीएफ के अंतर्गत, सौर सुजला योजना में 20,000 सौरचालित सिंचाई पंप सेट्स, ग्राम गौरव पथ के अंतर्गत 554 ग्रामीण सड़कें, 32 बांधों और नहरों, 30 पेयजल परियोजनाओं, 19 पुलों के लिए 964 करोड़ रुपए का संवितरण किया.

सीजी मार्कफेड को धान के उपार्जन के लिए 4450 रुपए करोड़ की ऋण सहायता और अतिरिक्त 2000 करोड़ रुपए देने का प्रस्ताव राज्य सरकार के पास विचारधीन है. यही नहीं प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के लिए 792 करोड़ रुपए की स्वीकृति भी नाबार्ड द्वारा प्रदान की गई है.

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