मोसीम तड़वी, बुरहानपुर। मध्यप्रदेश के बुरहानपुर नगर निगम में कांग्रेस ने सोमवार को नेता प्रतिपक्ष और उप नेता प्रतिपक्ष के नामों की घोषणा की। जिसके बाद कांग्रेस में कोहराम मच गया। कांग्रेसी पार्षद अजय उदासीन ने अपनी ही पार्टी के फैसले का सार्वजनिक रूप से विरोध किया। साथ ही पार्टी पर मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति अपनाने का आरोप भी लगाया है।

बता दें कि मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी ने सोमवार को बुरहानपुर नगर निगम के लिए कांग्रेस की महिला पार्षद हमीदा अकील औलिया को नेता प्रतिपक्ष और उबैद शेख को उपनेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी सौंपी। नामों के ऐलान के बाद इस पद की रेस में शामिल कांग्रेस के पार्षद अजय उदासीन ने फैसला का विरोध किया और इस नियुक्ति के बाद अपनी ही पार्टी पर मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप लगाया है। वहीं कांग्रेस जिलाध्यक्ष अजय रघुवंशी ने आरोपों को निराधार बताते हुए पार्षद अजय उदासीन को मनाने की बात कही है।

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दरअसल, बुरहानपुर नगर निगम में महापौर, निगम सभापति और मेयर इन काउंसिल के गठन के बाद सभी की नजरें कांग्रेस की तरफ से बनने वाले नेता प्रतिपक्ष, उपनेता प्रतिपक्ष और सचेतक पद पर टिकी हुई थी। एमपी कांग्रेस कमेटी ने नगर निगम नेता प्रतिपक्ष के लिए महिला पार्षद हमीदा अकील औलिया और उपनेता प्रतिपक्ष के रूप में पार्षद व एडवोकेट उबैद शेख तो वहीं पार्षद अजय बालापुरकर को सचेतक पद की जिम्मेदारी सौंपी। नामों का ऐलान होते ही कांग्रेस में कोहराम मच गया।

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नेता प्रतिपक्ष की दौड़ में शामिल कांग्रेस के वरिष्ठ पार्षद अजय उदासीन ने पार्टी के इस फैसले का सार्वजनिक रूप से विरोध कर किया। इतना ही नहीं अजय उदासीन ने आरोप लगाया कि कांग्रेस मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति अपना रही है। पार्टी ने पार्षदों से कोई रायशुमारी नहीं की। अजय उदासीन ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी में रहकर बीजेपी के तथाकथित एजेंटों के दबाव में कांग्रेस जिलाध्यक्ष अजय रघुवंशी और पूर्व पीसीसी चीफ अरूण यादव ने यह निर्णय लिया है।

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