रमेश सिन्हा, पिथौरा। महासमुंद जिले के पिथौरा में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. यहां तीन महीने बाद भी मृतिका का मृत्यु प्रमाण पत्र ऑइलाइन नहीं हो सका है. जिसके चलते शासन-प्रशासन से मिलने वाले महतारी दुलार योजना के लाभ से बच्चे वंचित रह गए. मृतिका के मासूम बच्चों को ऑनलाइन के चक्कर में स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल में दाखिला नहीं मिल सका है. इससे नाराज पति ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों के जरिए मदद की गुहार लगाई है. परिजन और कांग्रेस के दर्जनों लोगों ने पिथौरा के सरकारी अस्पताल के सामने बैठकर जमकर नारेबाजी करते हुए हंगामा किया.

मिली जानकारी के मुताबिक कोरोना काल के दौरान 16 अप्रैल की रात पिथौरा निवासी रामेश्वरी साहू की मौत हो गई थी. महिला के मौत को आज तीन महीने हो गए हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का खामियाजा परिवार को भुगतना पड़ रहा है. क्योंकि महिला का का मृत्यु प्रमाण पत्र ऑनलाइन अब तक नहीं हो सका है.

मृतिका के पति ने लगातार अस्पताल प्रबंधन से अपनी पत्नी का मृत्यु प्रमाण पत्र ऑनलाइन करने की बात कही. महीनों तक अस्पताल का चक्कर लगाता रहा, लेकिन पीड़ित व्यक्ति की पीड़ा सुनने वाला कोई नहीं था. थक हारकर पीड़ित ने स्थानीय कांग्रेस के जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाई.

इस मामले को देखते हुए कांग्रेस के स्थानीय नेताओं ने पीड़ित के साथ मिलकर अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. आनन-फानन में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जल्द प्रमाण पत्र ऑनलाइन करने का आश्वासन दिया है. जिसके बाद मामला शांत हुआ.

खण्ड चिकित्सा अधिकारी तारा अग्रवाल का कहना है कि कोरोना माहामारी के चलते मृतका का मृत्यु प्रमाणपत्र ऑनलाइन नहीं हो सका था. ऑपरेटर से गलती हुई है. बातचीत से समस्या का समाधान निकला जा सकता था. जल्द ही प्रमाण पत्र ऑनलाइन कर दिया जाएगा. अब देखना यह होगा आखिर पीड़ित को न्याय कब तक मिल पाएगा.

बता दें कि ‘महतारी दुलार योजना’ के तहत जो बच्चे स्कूली शिक्षा प्राप्त करने के लिए आयु संबंधी पात्रता रखते हैं, उन्हें कक्षा 1 से 12वीं तक की मुफ्त शिक्षा दी जाएगी. साथ ही इस योजना के तहत पात्र स्कूलों में प्रवेशित छात्रों को हर महीने छात्रवृत्ति भी मिलेगी.

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