नई दिल्ली.  केंद्र सरकार ने जीएसटी के तहत स्रोत पर टीडीएस और टीसीएस प्रावधान को लागू करने का फैसला लिया है. यह प्रावधान एक अक्टूबर से लागू होगा, जिसके बाद सीजीएसटी के तहत जिन उत्पादों, सेवाओं को रखा गया है उनकी आपूर्ति 2.5 लाख रुपए से अधिक होने पर एक फीसदी टीडीएस संग्रह करना होगा. इसके अलावा राज्य कानून के अनुसार एक प्रतिशत टीडीएस भी लगाया जाएगा. ऐसे में सरकार के फैसले के बाद तमाम सीजीएसटी में लिस्टेड उत्पादों पर दो फीसदी कर और लगाया जाएगा, जिसमे टीडीएस और टीसीएस शामिल है.

सरकार के फैसले के बाद तमाम ई-कॉमर्स कंपनियों को अब जीएसटी के तहत आपूर्तिकर्ताओं को किए गए किसी भी भुगतान पर एक फीसदी टीसीएस संग्र करना होगा. साथ ही राज्य जीएसटी कानून के तहत एक फीसदी टीसीएस भी लगाया जाएगा. जीएसटी मामलों के जानकार अभिषेक जैन का कहना है कि ई-कॉमर्स कंपननियों को टीसीएस के लिए या किसी अन्य सार्वजनिक उपक्र, सरकारी कंपनियों को जल्द ही टीडीएस की प्रणाली को तैयार करना होगा, अन्यथा 1 अक्टूबर से इसके लागू होने के बाद इन लोगों को मुश्किल का सामना करना पड़ेगा.

सरकार के फैसले के बाद एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के भागीदार रजत मोहन का कहना है कि इन दोनों प्रावधानों से कर चोरी पर लगाम लगेगी. जो लोग अप्रत्यक्ष कर के साथ जो लोग प्रत्यक्ष कर की चोरी करते हैं, वह अब ऐसा नहीं कर पाएंगे. जिस तरह से इस नियम को लागू होने में कुछ ही दिन का समय बचा है, उसे देखते हुए उद्योग जगत जल्द से जल्द इस प्रणाली को अपनाने में जुट गया है.