त्रिपुरा में आज मुख्यमंत्री माणिक साहा दूसरी बार CM पद की शपथ ली. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह भी मौजूद रहे. CM माणिक साहा के बाद उनकी कैबिनेट के 9 मंत्रियों ने भी शपथ ली. शपथ ग्रहण समारोह अगरतला के स्वामी विवेकानंद मैदान में हुआ.

मंत्री के तौर पर सांतना चकमा, प्रणजीत सिंह, सुशांता चौधरी, रतन लाल नाथ, टिंकू रॉय, बिकाश देबबर्मा, सुधांशु दास और सुक्ला चरण नोआतिया ने भी मंत्री पद की शपथ ली. इनमें 8 मंत्री BJP कोटे से और एक मंत्री IPFT कोटे का है. 2022 में जब बीजेपी ने त्रिपुरा में बीजेपी के लोकप्रिय नेता बिप्लब देव को हटाकर माणिक साहा को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया तो सभी हैरान रह गए. इसकी वजह भी थी, साहा छह साल पहले कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे. बीजेपी जैसी कैडर आधारित पार्टी में उनके इतनी जल्दी मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचने की उम्मीद किसी ने नहीं लगाई थी.

2020 में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष थे माणिक साहा
माणिक साहा 2016 में बीजेपी में शामिल हुए थे. उससे पहले वह कांग्रेस में थे. यह ऐसा समय था जब किसी ने सोचा भी नहीं था कि दो साल बाद 2018 के चुनावों में बीजेपी वामपंथ का ये गढ़ जीत लेने वाली है. 2018 में बीजेपी की सरकार बनी और बिप्लब देव मुख्यमंत्री बनाए गए. उस समय तक बिप्लब देव ही त्रिपुरा बीजेपी के अध्यक्ष थे. 2020 में माणिक साहा को बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया. उन्होंने सबसे पहले बीजेपी के संगठन को मजबूती देने का काम शुरू किया. 

2022 में पहली बार मुख्यमंत्री बनाया गया
2022 में बीजेपी ने एलान किया कि वह बिप्लब देव की जगह माणिक साहा को मुख्यमंत्री बनाने जा रही है. उस समय बिप्लब देव के खिलाफ असंतुष्टि की बात उठने लगी थी. 2023 के चुनावों में पार्टी कोई रिस्क नहीं लेना चाहती थी. एक ऐसे चेहरे के रूप में जो सभी को पसंद हो, माणिक साहा का नाम सामने उभरा और उनकी ताजपोशी सीएम के रूप में की गई.

डेंटिस्ट हैं त्रिपुरा के सीएम
दो बार त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बनें माणिक साहा पेशे से डेंटिस्ट हैं. उन्होंने लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज (अब किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी) से पढ़ाई की है. वह खिलाड़ी भी हैं. त्रिपुरा क्रिकेट एसोसिएशन का अध्यक्ष भी रह चुके हैं. त्रिपुरा के सीएम की खासियत है कि वह खेमेबाजी से दूर रहते हैं और अपना काम करते हैं.

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