हेमंत शर्मा, इंदौर। मध्य प्रदेश में जहां एक तरफ कोरोना की रफ्तार धीमी हो रही है, वहीं प्रदेश में डेल्ट प्लस वायरस की दस्तक ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है. यही वजह है कि अब इंदौर शहर के लोग ज्यादा सतर्क दिखाई दे रहे हैं. शहर के प्रमुख बाजारों और खानपान की जगहों पर नो वैक्सीन-नो एंट्री के बोर्ड लगा दिए गए हैं. वैक्सीन लगवाने वाले कर्मचारियों को खास तरीके के बैच भी दे दिए गए हैं. जिसके लगे होने पर ही उन्हें मार्केट में प्रवेश दिया जा रहा है.

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मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में अनलॉक के साथ ही अधिकांश गतिविधियां शुरू हो गई है. ऐसे में भीड़ को देखते हुए सभी व्यापारिक,धार्मिक, राजनीतिक और सामाजिक संगठनों ने वैक्सीनेशन को लेकर गंभीरता दिखाना शुरू कर दिया है. क्योंकि कोरोना से बचाव के लिए एक मात्र उपाय वैक्सीन ही है. इंदौर के प्रमुख बाजारों के साथ ही कई कॉलोनियों में नो वैक्सीन- नो एंट्री कैंपेन चलाया जा रहा है. जिसमें बिना वैक्सीन लगवाए यहां प्रवेश नहीं दिए जाने का ऐलान कर दिया गया है. शहर के थोक किराना बाजार सियागंज समेत 56 दुकान बाजार में भी बिना वैक्सीन लगवाने वाले लोगों का प्रवेश प्रतिबंधित किया जा रहा है. लोगों की सुविधा के लिए बाजारों में ही वैक्सीनेशन सेंटर बना दिए गए हैं, ताकि वैक्सीन से छूटे लोग यहां वैक्सीन लगवा सकें.

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“I am vaccinated you should Be”

शहर के मशहूर 56 दुकान बाजार में व्यापारियों ने अपने स्टॉफ का वैक्सीनेशन कराकर एक खास तरह का बैच सभी कर्मचारियों, सफाई कर्मियों और सुरक्षा गार्डों को लगा दिया है. जिससे लोगों को पता चल सके कि न केवल दुकान पर काम करने वाले कर्मचारी बल्कि सुरक्षा समेत दूसरे कामों में लगे लोग वैक्सीन लगवा चुके हैं. उन्हें इनसे कोई खतरा नहीं हैं. इन बैच पर लिखा है, “I am vaccinated you should Be”. वैक्सीनेशन को बढ़ावा देने के लिए भी ये अहम पहल मानी जा रही है. इसके अलावा अपने सभी कर्मचारियों का टीकाकरण कराने वालीं दुकानों पर सौ फीसदी वैक्सीनेशन के सर्टिफिकेट लगा दिए गए हैं.

नो वैक्सीन-नो एंट्री कैंपेन का लोग कर तारीफ

बता दें कि अपने स्वाद के लिए देश दुनिया में अलग पहचान बनाने वाले 56 दुकान बाजार की इस पहल का यहां पहुंचने वाले स्वाद के शौकीन लोग भी स्वागत कर रहे हैं. बाजार में सुबह का नाश्ता करने पहुंचे दिलीप गुप्ता कहना है कि नो वैक्सीन-नो इंट्री का कंसेप्ट बहुत अच्छा है. ये सारे बाजारों में लागू होना चाहिए. जिससे लोग वैक्सीन से प्रेरित हो सके और इंदौर कोरोना मुक्त हो सके. वहीं यंगस्टर भी इस मुहिम का समर्थन कर रहे हैं. उनका कहना है कि खाने पीने के बाजारों में खास ऐहितयात बरतने की जरूरत है, इसलिए नो वैक्सीन नो इंट्री का कांसेप्ट ऐसे बाजारों जरूर लागू होना चाहिए, क्योंकि कोरोना से वैक्सीन ही लोगों को बचा सकती है.

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बहरहाल नो वैक्सीन- नो एंट्री कैम्पेन इंदौर में दिनों दिन रफ्तार पकड़ रहा है. 56 दुकान बाजार के बाद शॉपिंग मॉल संचालक, शो रूम संचालक भी अपने कर्मचारियों का वैक्सिनेशन करवा रहे हैं और वे आने वाले दिनों में वैक्सीन लगवाए ग्राहकों को कुछ छूट देने पर भी विचार कर रहे हैं.

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