एनके भटेले,भिंड। मध्यप्रदेश के भिंड ज़िले के अजनौल गांव में एक बुजुर्ग की सड़क पर अंतिम संस्कार की तस्वीरें सामने आई थी. मुक्तिधाम के अभाव में सड़क पर ग्रामीणों को अंतिम संस्कार करना पड़ा था. इस मामले में मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लेते हुए अब कलेक्टर और ज़िला पंचायत सीईओ को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है.

दरअसल मेहगांव जनपद के अजनौल गांव में वर्षों से लोग मुक्तिधाम नहीं होने से परेशान हैं. अब तक लोग नदी किनारे या खेतों में मृतकों का अंतिम संस्कार करते थे. 24 जुलाई को एक परिवार में गमी हो गई थी, लेकिन बारिश होने के चलते खेतों में पानी भरा हुआ था. जिससे वहां अंतिम संस्कार नहीं किया जा सकता था.

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ऐसे में ग़ुस्साए और परेशान ग्रामीणों ने अजनौल के आम रास्ते पर ही अंतिम संस्कार कर दिया. जिसका वीडियो मातम में शामिल हुए एक शख़्स ने अपने मोबाइल कैमरे में भी क़ैद कर लिया था. इस अंतिम संस्कार की तस्वीरें ने गांव में वर्षों से चली आ रही मूल समस्या को उजागर कर दिया. अब मानव अधिकार आयोग ने भी इस मामले में संज्ञान लिया है.

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मानवाधिकार आयोग की ओर से सोमवार को भिंड कलेक्टर सतीश कुमार एस और ज़िला पंचायत सीईओ जेके जैन दोनों को नोटिस जारी किया गया है. मानवाधिकार आयोग की ओर से जारी नोटिस में दोनों ज़िम्मेदार अधिकारियों से जवाब मांगा गया है कि आख़िर इस गाँव में अभी तक मुक्तिधाम क्यों नहीं बना है ? इस नोटिस का जवाब देने के लिए कलेक्टर सतीश कुमार एस और ज़िला पंचायत सीईओ जेके जैन को तीन हफ़्ते का समय दिया गया है.

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