उज्जैन। जिले में बंद फिटनेस सेंटरों को चालू कराने की मांग को लेकर जिम संचालकों ने बॉडी बिल्डर्स टीम के साथ शहर के टावर चौराहे पर बिना शर्ट के दंड लगाए. सड़क पर कसरत कर डंबल्स भी उठाए. दरअसल कर्ज लेकर जिम चलाने वालों के समक्ष आर्थिक संकट आ गया है. न किश्त भर पा रहे, न ही घर का खर्च चला पा रहे है. वहीं सरकार ने सभी फिटनेस सेंटर को बंद करने का फरमान जारी किया है. संचालकों ने कहा है कि जिम इम्युनिटी बढ़ाने का सेंटर है न की कोरोना फैलाने की जगह. उन्होंने सीएम शिवराज सिंह चौहान से इस नए फरमान को वापस लेने की मांग की है.

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50 जिम से 300 लोगों को मिलता हैं रोजगार

जिम संचालकों का कहना है कि हम सब मध्यम परिवार से हैं. पिछले कई वर्षों से अपना व्यापार कर रहे हैं. शहर में करीब 50 जिम है और 250 से 300 लोगों को इससे रोजगार मिलता है. लॉकडाउन में हमारा काम करीब 5 महीने से ठप रहा है. अब दोबारा बंद करना उचित नहीं है. सराकर का फरमान बेतुका है जिसे जिला प्रशासन अपने तरीके से फॉलो करवा रहा है. जिम किसी के लिए भी नुकसानदायक नहीं यह सब जानते हंै. ये फिटनेस सेंटर है और हम सरकार द्वारा जारी की गई हर एक गाइड लाइन का पालन करते आए हैं. आगे भी करते रहेंगे.

प्राइम जिम पर तालाबंदी की कार्रवाई

बता दें कल ही जिला प्रशासन ने कोरोना गाइडलाइन का उलंघन करने पर जिम संचालक के खिलाफ धारा 188 में मामला दर्ज कर जिम बंद करवा दिया. मामला शहर के थाना जीवाजी गंज क्षेत्र स्थित प्राइम जिम का था. जिम को अनाधिकृत रूप से चलाए जाने पर पुलिस प्रशासन ने कार्रवाई कर सीलबंद कार्रवाई की थी.

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