शरद पाठक, छिंदवाड़ा। मध्यप्रदेश में कई कोरोना वारियर्स भी काल के गाल में समाते जा रहे हैं. इसी बीच छिंदवाड़ा जिले में कोविड सेंटर में तैनात एक युवा डॉक्टर कोरोना की जंग हार गया. डॉक्टर ने 28 मार्च को ही पदभार संभाला था. इस दौरान वे कोरोना की जद में आ गए. जिससे उनकी मौत हो गई.

पूरा मामला छिंदवाड़ा जिले के सिंगोड़ी गांव के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है. यहां कोविड सेंटर में डॉक्टर खालिक उर रहमान तैनात थे. इस दौरान डॉक्टर खालिक कोरोना की चपेट में आने से जिला अस्पताल में मौत हो गई. जिसके बाद परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया है.

मृतक डॉक्टर के भाई मोहम्मद शकील उर रहमान ने बताया कि सिंगोड़ी स्वास्थ्य केंद्र में स्थित कोविड सेंटर में 28 मार्च को ही खालिक की ज्वाईनिंग हुई थी. 9 अप्रैल को सर्दी ज़ुखाम होने पर कोरोना की जांच करवाने के बाद उनकी रिपोर्ट पॉजीटिव आई. जिसके बाद वे जिला अस्पताल में भर्ती हो गए थे. लेकिन अस्पताल में लाचार स्वास्थ्य व्यवस्था से हार गए.

अधिकारियों ने नहीं की मदद
बता दें कि छिंदवाड़ा जिले के शासकीय अस्पताल में मृतक की पत्नी भी डॉक्टर है. बावजूद इसके आईसीयू वार्ड में न तो बेड मिला न ही आक्सीजन. डॉक्टर पति के बीमार होने पर डॉक्टर पत्नी ने सिविल सर्जन एवं कोविड अधिकारी सहित अन्य सहकर्मियों से मदद की गुहार लगाई, लेकिन किसी ने कोई मदद नहीं की. हालांकि अब मामले के बाद जिला प्रशासन और जिला अस्पताल में लापरवाही के चलते जिले के सभी विधानसभाओं के विधायक धरने पर बैठ गए हैं.