राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। प्रदेश में कोरोना संक्रमण लगातार बढ़ते जा रहा है. प्रदेश की जनता त्राहिमाम कर रही है. अस्पतालों में कोरोना से मरीजों के हाल बेहाल हैं, चीख पुकार मची हुई है. सरकार और अस्पताल प्रबंधन की सारी व्यवस्थाएं चरमराती हुई नजर आ रही हैं. अस्पताल में तमाम अव्यवस्थाओं से परेशान मरीजों के परिजन बिलख रहे हैं. वहीं जेपी अस्पताल में गुरूवार को वेंटिलेटर नहीं मिलने से एक 80 साल की महिला की मौत हो गई.

दरअसल राजधानी के जेपी अस्पताल में पहुंचे मरीजों के लिए वेंटीलेटर कम पड़ गए हैं. आलम ये है कि अस्पताल प्रबंधन मरीजों को निजी अस्पतालों में जाने की सलाह दे रहे हैं. सलाह देने वाले सरकारी डॉक्टर मरीजों को सही अस्पताल की जानकारी भी नहीं दे पा रहे हैं.

सरकार के दावे फेल
सरकार के उन तमाम दावों की पोल यहां खुलती हुई नजर आ रही है जो स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के नाम पर तमाम दावे पेश किये जा रहे हैं. कोरोना के कहर के बीच अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी से मरीज दम तोड़ रहे हैं. अस्पताल में एंबुलेंस के कम पड़ जाने पर अब लोडिंग वाहन में मृतकों के शव ढोए जा रहे हैं.

दर-दर भटक रहे मरीज
जानकारी के मुताबिक कई परिजन अपने मरीजों के साथ कई दिनों से अस्पताल दर अस्पताल भटक रहे हैं. लेकिन उन्हें अस्पताल में बिस्तर नसीब नहीं हो रहा है. अस्पतालों के चक्कर काटते-काटते कई मरीजों की दर्दनाक मौत हो जा रही है.

कोविड जांच के लिए भी इंतजार
जेपी अस्पताल के फीवर क्लीनिक में कोरोना जांच के लिए भी लोगों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. इनमें से कई लोग पॉजिटिव नहीं भी होंगे, लेकिन लंबी लाइन में ज्यादा समय तक खड़े रहने पर पॉजिटिव मरीजों के संपर्क में आने के बाद उन्हें भी कोरोना पॉजिटिव होने का खतरा मोल लेना पड़ रहा है.