सत्यपाल सिंह राजपूत, रायपुर। एक तरफ सरकार आदिवासी अंचल में पढ़ने वाले बच्चों की उन्नति के लिए नित नए प्रयास कर रही है, वहीं दूसरी ओर मेहनत कर आगे बढ़ रहे बच्चों की कुछ सरकारी एजेंसियां पैर खींचने में लगी है. ऐसी ही मामले NEET क्वालिफाई करने वाले छू लो आसमान केंद्र से पढ़े 27 छात्र-छात्राओं से जुड़ा है, जो तमाम प्रयास के बाद भी एमबीबीएस में एडमिशन के लिए काउंसलिंग के लिए जगह नहीं बना पाए.
डॉक्टर बनने की सपना लेकर बस्तर जैसे नक्सल प्रभावित क्षेत्र में जान हथेली में लेकर पढ़ाई करने वाले बच्चों की प्रतिभा का हेल्थ विभाग को कोई कद्र नहीं है, एमबीबीएस के नीट परीक्षा पास कर सीट एलाट के उम्मीद में बैठे 27 विद्यार्थियों को कॉउसलिंग में ही जगह नहीं मिला है..मेडिकल शिक्षा की लचर व्यवस्था का शिकार हो गए हैं,
तीन दिनों तक रजिस्ट्रेशन का किया प्रयास
योग्य होते हुए काउंसलिग से वंचित हुए बस्तर क्षेत्र के वंचित छात्र-छात्राएं उम्मीद लेकर रायपुर पहुंचे है. तमाम कठिनाइयों के बाद कड़ी मेहनत कर टॉप रैंक हासिल करने वाले पीड़ित छात्र-छात्राओं ने लल्लूराम डॉट कॉम से बातचीत में बताया कि हम रजिस्ट्रेशन के लिए लगातार तीन दिन तक प्रयास किया. पहले दिन तो वेबसाइट ही नहीं खुला, दूसरे दिन जैसे-तैसे खुला तो पेमेंट नहीं हुआ, और तीसरे दिन तो पूरा सिस्टम करप्ट हो गया. ऐसे में कैसे रजिट्रेशन कराते. स्थानीय कॉलेजों ने कोई सूचना नहीं दी, और जब काउंसलिंग के लिए पहुंचे तो मना कर दिया गया.
जूडो ने दी हड़ताल की दी चेतावनी
वहीं जूडो ने काउंसलिंग से वंचित करने का विरोध करते हुए आदिवासी अंचल के छात्रों की दोबारा रि-काउंसलिंग नहीं करने पर हड़ताल की चेतावनी दी है. डॉ प्रवीण और डॉ क्षितिज का कहना है कि इन बच्चों के साथ गलत हुआ है. वेबसाइट बंद हो गई तो कैसे रजिट्रेशन होगा. डीएमई कार्यालय सिर्फ पेज में छोटा सी सूचना देकर अपने जिम्मेदारी से नहीं बच सकता. बस्तर में जहां आज भी नेटवर्क का समस्या है, इसमें कई ऐसे हैं जो अपने कोटे में टॉप रैंक हासिल किए हैं, उन्हें पहले चरण में रायपुर-बिलासपुर में सीट में मिला तय है.
सरकार के उद्देश्य पर फिर सकता है पानी
तो वहीं मेडिकल स्टूडेंट एवं जूडो के संरक्षक डॉ. राकेश गुप्ता ने कहा कि सर्वर दिक्कत हुई तो थी, संवादहीनता के कारण से समस्या सामने आई है. कानूनी पेंच को समझते हुए बीच का रास्ता निकालना होगा. सरकार की मंशा है नक्सल क्षेत्र में लोग बंदूक छोड़ मूल धारा से जुडे़. इसके लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं, ऐसे में प्रतिभा को मौका नहीं देना सरकार के उदेश्य में पानी फेरकर सकता है.
स्वास्थ्य मंत्री बोले जांच समिति करेगी फैसला
वहीं आदिवासी अंचल के छात्रों के काउंसलिंग में भाग नहीं ले पाने पर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने लल्लूराम डॉट कॉम से बातचीत में बताया कि छात्रों से लिखित में शिकायत मिली है. इस मामले में अब एक जांच समिति का गठन किया गया, जो उसके गुण-दोष के आधार पर फैसला लेगी.