रायपुर. देश में अब जन्मजात दोषों को भी अब स्वास्थ्य बीमा में कवर किया जाएगा. इंडियन एसोसिएशन ऑफ पीडियाट्रिक सर्जन के 47वें वार्षिक सम्मेलन में एक प्रमुख निजी स्वास्थ्य बीमा कंपनी अजन्मे बच्चे का बीमा करने में मदद करने के लिए सहमत हो गई है.

बच्चों की सर्जरी करने वाले देशभर के प्रबुद्ध डॉक्टरों के इस सम्मेलन में वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत कराड भी शामिल हुए. डॉ कराड खुद एक बाल रोग सर्जन हैं. मीडिया से बातचीत में डॉ. रामद्वार ने बताया है कि बीमा कंपनियां शैशवावस्था के दौरान जन्म दोष या सर्जिकल समस्याओं के लिए कवर प्रदान नहीं करती हैं.

यह कई परिवारों और माता-पिता के लिए उनका इलाज आसान नहीं होता. इस कारण कई दंपत्तियों ने अपने बच्चे के गर्भपात का विकल्प चुना है, जिन्हें पता चला है कि प्रसवपूर्व सोनोग्राफी में सबसे छोटी जन्मजात विकृतियां भी हैं.
लेकिन अब उनके लिए अच्छी बात ये है कि अब जन्मजात बीमारियों से ग्रस्ति बच्चों का भी बीमा संभव है.

स्टार हेल्थ एंड एलाइड इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड हुई राजी

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली में कार्यरत दिल्ली एसोसिएशन ऑफ पीडियाट्रिक सर्जन की कार्यकारी समिति की एक सदस्य के मुताबिक सरकारी अस्पतालों में जन्मजात विसंगतियों के लिए नवजात बिस्तरों की संख्या बहुत कम है. कई माता-पिता इन विसंगतियों के इलाज की तलाश में दिल्ली भागते हैं. नवजात शिशु की गहन देखभाल की लागत बहुत अधिक है और आम आदमी के लिए खर्च उठाना आसान नहीं है. लेकिन अब स्टार हेल्थ एंड एलाइड इंश्योरेंस कंपनी ऐसे बच्चों के बीमा करने के लिए राजी हो गई है.