अमित शर्मा,श्योपुर। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2022 पर मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले की 2 महिलाओं को दिल्ली में सम्मानित किया जाएगा. इन दोनों महिलाओं ने साल भर के भीतर 700 से ज्यादा लोगों की समस्याओं का निराकरण किया है. महिला एवं बाल विकास विभाग की तरफ से इन्हें प्रधानमंत्री या उपराष्ट्रपति सम्मानित करेंगे.

दरअसल शीतल बैरवा और विमला आदिवासी नाम की यह दोनों महिलाएं योजना आयोग की तरफ से संचालित लोक अधिकार केंद्र श्योपुर की समता सखी हैं. यह दोनों अलग-अलग स्वसहायता समूहों से भी जुड़ी हैं. जिनकी तरफ से गरीब, बेबस महिलाओं के उत्थान और जागरुकता के लिए कई काम किए गए हैं. महिला विमला आदिवासी ने करीब 400 लोगों की समस्याओं का निराकरण कराया है.

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इसी तरह से शीतल बैरवा ने भी साढ़े 300 के करीब लोगों की समस्याएं निपटाई हैं. इनमें मुख्य रूप से घरेलू हिंसा, रोजगार, विधवा, वृद्धा और विकलांग पेंशन योजना का लाभ दिलाना, कुपोषण से जंग की सहायता राशि दिलाने के लिए प्रकरण तैयार करके जिले के अधिकारियों से उनका समाधान कराने का काम, गरीबों की जमीनों को दबंगों के चंगुल से मुक्त करवाने का कार्य करने में अहम भूमिका अदा की है. जिसके लिए उन्हें अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर देश की महान हस्तियों के बीच मंच से सम्मानित किया जाएगा.

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महिला विमला आदिवासी का कहना है कि वह महिलाओं से जुड़े अलग-अलग मुद्दों और हर समस्याओं का नराकरण करवाने का काम करती हैं. इसके साथ वह अपनी खेती-बाड़ी और घर-ग्रहस्थी का काम भी देखती हैं. उन्हें लोगों की तकलीफ दूर करने में बहुत अच्छा लगता है. वहीं एनआरएलएम (राष्ट्रीय आजीविका मिशन) विभाग के डीपीएम के के मुदगल का कहना है कि महिलाएं लोगों की समस्याएं निपटाने के लिए बहुत अच्छा काम कर रही हैं. इसलिए पहले इन्हें दिल्ली में और फिर उन्हें केरल में सम्मानित किया जाएगा.

बता दें कि 6 अक्टूबर 2020 को आदिवासी वाहुल श्योपुर जिले में लोक अधिकार केंद्र की स्थापना की गई थी. यह प्रयोग देश में सबसे पहले श्योपुर जिले में किया गया था. इस केंद्र पर सप्ताह के प्रत्येक मंगलवार और शुक्रवार को लोगों की समस्याएं सुनी जाती हैं. यहां मुख्य रूप से महिलाओं के हक और अन्य मुद्दों को पहले ग्राम संगठन स्तर पर सुलझाने का प्रयास किया जाता है. जिन प्रकरणों का वहां हल नहीं हो पाता है, उन्हें संकुल स्तर पर लाया जाता है. जहां यह दोनों महिलाएं दस्तावेज तैयार कर उन्हें संबंधित विभाग तक लेकर जाती हैं और उनका समाधान करवाती हैं.

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इनके द्वारा अब तक 698 के करीब प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है. जिसमें महिला एवं बाल विकास विभाग से लेकर राजस्व, शिक्षा, स्वास्थ्य, मनरेगा, समाजिक न्याय, बिजली कंपनी सहित तमाम विभागों से जुड़ी समस्याओं से जुड़े मुद्दे शामिल हैं. अब इन महिलाओं को दिल्ली में सम्मान से नबाजा जाएगा. इसके बाद उन्हें केरल भेजा जाएगा, जहां वह मंच के माध्यम से श्योपुर जिले का नाम रोशन करेंगी.

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