कोटा। रतनपुर नगर पालिका अधिकारी की गुंडागर्दी से परेशान डॉक्टर ने सीएमएचओ को पत्र लिखा है. उन्होंने कहा कि  वीआईपी लोगों को आम लोगों के लिए जिम्मेदारी नहीं तो मुझे प्रभार से हटा दो. रतनपुर के नगर पालिका अधिकारी ने वीआईपी ट्रीटमेंट की डिमांड को लेकर  गुंडागर्दी की.

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दरअसल, रतनपुर के नगर पालिका अधिकारी ने रतनपुर समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी से दुर्व्यवहार किया है. प्रभारी डॉक्टर ने मुख्य चिकित्सा एंव स्वास्थ्य अधिकारी को पत्र लिख कहा है. उन्होंने कहा कि कि वीआईपी लोग आकर परेशान करते हैं, जबकि आम लोग लाइन में लगे रहते हैं. ऐसे में मुझे चिकित्सालय का प्रभार नहीं चाहिए. दबाव में आकर मैं काम नहीं कर सकता. ऐसे में मुझे प्रभार से हटा दें.

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93 लोग वेटिंग में, फिर VIP ट्रीटमेंट की डिमांड

रतनपुर स्वास्थ्य केंद्र में रविवार 11 अप्रैल को कोरोना जांच के लिए भीड़ लगी हुई थी. दोपहर 12 बजे नगर पालिका अधिकारी मधुलिका सिंह ठाकुर अपने तीन-चार परिजनों को बिलासपुर से कोविड टेस्ट कराने स्वास्थ्य केंद्र पहुंची. प्रभारी डॉ. अविनाश सिंह पर तुरंत जांच करने के लिए दबाव बनाने लगी. ऐसे में डॉ.अविनाश ने समझाया की अभी कोविड लैब में बहुत भीड़ है. 93 लोग वेटिंग में हैं. रविवार होने के कारण स्टॉफ की कमी है.

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सीएमओ का पक्ष लेते हुए डॉक्टर पर दबाव

उन्होंने कहा कि कुछ देर बाद प्राथमिता से जांच करा दिया जाएगा, लेकिन सीएमओ मधुलिका सिंह और उसके साथ आए मुकेश जोशी ने चिल्लाना शुरु कर दिए. डॉ.अविनाश से दुर्व्यवहार करने लगे. ऐसे में डॉक्टर ने कलेक्टर और अनुविभागीय अधिकारी कोटा को फोन पर पूरी घटना की जानकारी दी. प्रशासनिक अधिकारियों ने भी सीएमओ का पक्ष लेते हुए डॉक्टर पर दबाव बनाया.

प्रभार से मुक्ति की डिमांड

डॉक्टर अविनाश ने सीएमएचओ डॉ.प्रमोद महाजन को पत्र लिखा. उन्होंने कहा कि 1 साल से कोरोना महामारी में दिन रात काम कर रहें है. आम लोगों के लिए मेरी संवेदना गलत है, क्या जो वीआईपी लोगो के जांच के लिए आम लोगों को परेशान करूं. इस व्यवहार से डॉक्टर मानसिक रूप से परेशान होकर रतनपुर के प्रभारी पद से हटाने के लिए कहा है. ऐसी स्थिति में वो काम नहीं करना चाहते. प्रभार से मुक्ति होना चाहते हैं.

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