नई दिल्ली। एससी-एसटी एक्ट में बदलाव के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से देशभर में दलित समुदाय का गुस्सा भड़क उठा है. यहां तक कि दलितों के भारत बंद के दौरान जमकर हिंसा हुई, जिसमें 14 लोगों की मौत भी हो गई. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले पर रोक लगाने से साफ इनकार कर दिया. उच्चतम न्यायालय ने कहा कि वे एससी-एसटी एक्ट के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन किसी बेगुनाह को सजा भी नहीं दी जा सकती.

इधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि ‘भीमराव अंबेडकर का जितना सम्मान भाजपा सरकार ने किया, उतना किसी अन्य सरकार ने नहीं किया’. मोदी ने कहा कि ”बाबा साहेब के नाम पर राजनीति करने के बदले उनके दिखाए रास्तों पर चलने की कोशिश करनी चाहिए.”

 

2 अप्रैल को भारत बंद के दौरान हुई हिंसा को लेकर भाजपा ने ट्वीट कर कांग्रेस को निशाने पर लिया और कहा कि कांग्रेस ने कभी भी भीमराव अंबेडकर को सम्मान नहीं दिया. लेकिन भाजपा उनके योगदानों को भूल नहीं सकती और सरकार बनते ही बाबा साहब के जीवन से संबंधित 5 जगहों को भव्य पंचतीर्थ के रूप में विकसित किया गया. भाजपा ने विपक्ष पर जुबानी तीर चलाते हुए कहा कि यही समर्पण कुछ तथाकथित लोगों के लिए गले की हड्डी बन गए हैं.

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने एससी-एसटी एक्ट के तहत की गई शिकायतों में तुरंत गिरफ्तारी पर रोक लगाई थी. कोर्ट ने कहा था कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारी शिकायत की शुरुआती जांच करें. शिकायत की शुरुआती पुष्टि होने के बाद ही मामला दर्ज किया जाए. इसी फैसले का विरोध दलित कर रहे हैं.