रायपुर. आरक्षण के अटकने पर पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने कहा, सरकार की मंशा थी कि छत्तीसगढ़ की जनता को उनका अधिकार मिले, इसी के तहत राज्यपाल के निर्देशानुसार विशेष सत्र बुलाकर विधेयक पास किया गया. राज्यपाल ने कानूनी पहलुओं पर विचार करने की बात कही. अब तक हस्ताक्षर नहीं हो पाया है. नए राज्यपाल से उम्मीद है कि जनता के हित में विधेयक पर हस्ताक्षर हो. यही हमारी मांग है.

सर्व आदिवासी समाज के प्रतिनिधिमंडल की राज्यपाल से मुलाकात पर मरकाम ने कहा, सबकी और आदिवासी समाज की मंशा है कि उनको 32 परसेंट आरक्षण मिलना है. पिछड़े वर्ग को भी एसटी वर्ग को भी सबको आरक्षण मिलना है. जितनी भी नियुक्तियां है वह आरक्षण के कारण रुकी हुई है. युवा, बेरोजगार और यहां की जनता को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. आरक्षण विधेयक पर जल्द से जल्द हस्ताक्षर हो और बेरोजगारों को उसका लाभ मिले.

भाजपा नेताओं की हत्या पर भाजपा के आरोप पर मरकाम ने कहा, लोकतंत्र में विश्वास करने वाले चाहे कांग्रेस या भाजपा के कार्यकर्ता हो, नक्सली हमेशा टारगेट करते रहे हैं. कांग्रेस के भी कई कार्यकर्ताओं को नक्सलियों ने टारगेट किया है. जो घटनाएं घटी है उसकी मैं निंदा करता हूं. ऐसी घटनाएं नहीं घटनी चाहिए थी. हमारी सरकार विकास के रास्ते पर चल रही है. इससे नक्सली घबराकर ऐसी घटना को अंजाम दे रहे, जिसकी मैं निंदा करता हूं.

2023 में आरक्षण के विषय के प्रभाव पर पीसीसी चीफ मरकाम ने कहा, भाजपा के दबाव पर आरक्षण विधेयक पर हस्ताक्षर नहीं हुआ. राज्यपाल आरक्षण विधेयक पर हस्ताक्षर करना चाहती थी. भाजपा के दबाव पर वह हस्ताक्षर नहीं कर पाई, जिसका खामियाजा आपने देखा होगा. उनका स्थानांतरण यहां से बदलकर मणिपुर कर दिया गया है. जेपी नड्डा छत्तीसगढ़ आते हैं और राज्यपाल का तबादला हो जाता है. उसके पहले देखें तो आदिवासी दिवस के दिन आदिवासी नेता विष्णुदेव साय को भी बदल दिया जाता है. भाजपा का आदिवासियों के प्रति स्वभाव साफ तौर पर दिख रहा है इसलिए 2018 में भाजपा को पटकनी दी थी.

शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती के बयान पर मरकाम ने कहा, कोई भी राजनीतिक दल रायशुमारी नहीं करती है. सबकी मंशा होती है कि सभी इस देश में लोकतंत्र है, मौलिक अधिकार है. हम अपने अनुसार किसी भी धर्म संप्रदाय को मान सकते हैं. किसी को मना ही नहीं है. निश्चलानंद जी जो कहते हैं वह उनका व्यक्तिगत होगा. मेरा व्यक्तिगत मानना है सभी धर्मों को संविधान में प्रावधान है. स्वतंत्र रूप से हर धर्म को मान सकते हैं.

निश्चलानंद के आरक्षण वाले बयान पर मोहन मरकाम ने कहा, सविधान में प्रावधान दिए हैं जो आर्थिक, सामाजिक रूप से शिक्षित कमजोर वर्ग हैं उनको आगे बढ़ाने का मौका आरक्षण के माध्यम से दिया जाता है. इसमें बुराई क्या है. निश्चलानंद जी हो सकता है उनका मत हो जो संविधान में प्रदत्त अधिकार है. वह देना ही पड़ेगा, कोई भी सरकार हो आरक्षण देना चाहती है. हमारी सरकार आजादी के बाद से अभी तक लोगों को आरक्षण देना चाहती है.

तीन दिवसीय अधिवेशन को लेकर मोहन मरकाम ने कहा, अखिल भारतीय राष्ट्रीय अधिवेशन नया रायपुर में आयोजित हो रहा है, जिसे लेकर कल प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा का रायपुर दौरा है. कुमारी शैलजा 2 दिन छत्तीसगढ़ प्रवास पर रहेंगी. वे यहां की प्रगति की समीक्षा करेंगे और दिशा निर्देशन करेंगे. हम छत्तीसगढ़वासी सौभाग्यशाली हैं, हमको पहली बार राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित करने का मौका मिल रहा है और और पूरे देश के नेता इस अधिवेशन में शामिल होने आ रहे हैं.

चुनाव को लेकर मरकाम ने कहा, 2023 में हमारी सरकार बनेगी. कार्यकर्ताओं में जबरदस्त उत्साह है. कार्यकर्ताओं के बल पर हम कह सकते हैं कि 2023 का चुनाव हम जीतेंगे और 2023 में हमारी सरकार बनेगी. लोकसभा चुनाव को लेकर भी हमारी पूरी तैयारी है.

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