नई दिल्ली। पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार इज़ाफे से लोग परेशान हैं. क्रूड ऑयल का दाम लगातार बढ़ रहा है और रुपए में गिरावट हो रही है. इसके कारण पेट्रोल का दाम 80 रुपए प्रति लीटर तक पहुंच गया है. मुंबई में इसकी कीमत 80 रुपए प्रति लीटर के आसपास है. वहीं रविवार आधी रात से पेट्रोल-डीजल पर सेस लागू होने से दिल्ली समेत देश भर में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है.

वहीं मध्यप्रदेश में पेट्रोल-डीजल पर अतिरिक्त कर यानि सेस लागू होने से यहां पेट्रोल-डीजल के दाम एक फीसदी बढ़ जाएंगे. मध्यप्रदेश सरकार ने इसके लिए एक नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है.

डीजल के दाम आसमान पर

बता दें कि सरकारी ऑयल कंपनियां अब हर दिन पेट्रोल-डीजल की कीमतों की समीक्षा करती हैं.  29 जनवरी को एक बार फिर पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ा दिए गए हैं. दिल्ली में डीजल का भाव 63.91 रुपए प्रति लीटर है. मुंबई में डीजल और पेट्रोल सबसे महंगा है. वहां डीजल 68.06 रुपए प्रति लीटर और पेट्रोल 80.69 रुपए प्रति लीटर है. दिल्ली में पेट्रोल का भाव 72.82 रुपए प्रति लीटर है.

क्रूड प्राइस लगातार बढ़ रहा

इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल की कीमत बढ़ने का साफ-साफ असर देखा जा रहा है. क्रूड प्राइस अभी 68.89 डॉलर प्रति बैरल है पर है.

सरकार पर एक्साइज ड्यूटी घटाने का दबाव

इधर सरकार पर एक्साइज ड्यूटी घटाने का दबाव बढ़ रहा है. लोगों को उम्मीद है कि सरकार बजट में इस पर कोई फैसला कर सकती है. 1 जुलाई, 2017 के मुकाबले पेट्रोल के दाम अब तक तकरीबन 8 रुपए बढ़ चुके हैं. जबकि डीजल के मामले में यह बढ़त 9 रुपए प्रति लीटर से अधिक हो चुकी है.

80 फीसदी तेल भारत करता है आयात

 

देश में रोज़ाना 45 लाख बैरल क्रूड ऑयल की खपत है. देश में कच्चे तेल का उत्पादन काफी कम है. इसके कारण भारत को कुल खपत का 80 फस्सी कच्चा तेल विदेशों से आयात करना पड़ता है.

पेट्रोल की कीमत 85 रुपए प्रति लीटर तक होने की संभावना

मॉर्गन स्टेनली और बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच ने 2018 के लिए कच्चे तेल के औसत भाव के अनुमान में बढ़ोतरी की है. इस साल ब्रेंट क्रूड का औसत भाव 64 डॉलर और WTI क्रूड का औसत भाव 60 डॉलर रहने का अनुमान लगाया गया है. विशेषज्ञों के मुताबिक पेट्रोल के दाम 85 रुपए प्रति लीटर तक पहुंच सकते हैं.

पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की मांग

हिमाचल प्रदेश के कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता नरेश चौहान ने देश में बढ़ती मंहगाई पर रोक लगाने के लिए पेट्रोल और डीजल के दामों पर नियत्रंण करने की जरूरत बताई. उन्होंने कहा कि इनकी कीमतों को जीएसटी के दायरे में लाया जाए.

समझ से परे बढ़ती कीमतें

एक आंकड़े के मुताबिक साल 2008 में अंतर्राष्ट्रीय मार्केट में कच्चे तेल की उच्चतम स्तर पर 145.85 डॉलर प्रति बैरल हो गई थी. लेकिन तब डीजल का दाम 40 रुपए प्रति लीटर से कम था, जबकि पेट्रोल का दाम 55 रु के आसपास था.

फिलहाल कच्चे तेल की कीमत 68.89 डॉलर प्रति बैरल के आसपास है. फिर भी पेट्रोल की कीमत 80 रुपए प्रति लीटर के आसपास और डीजल की कीमत भी 64 रुपए के पार है, जो लोगों की समझ के परे है.