मनोज उपाध्याय, मुरैना। 105 साल के संत समाधि लेने के लिए गड्ढे में लेटे हुए थे। पूरे क्षेत्र में आस्था के केंद्र बाबा की समाधि के दर्शन करने हजारों ग्रामीण जुट गया था। पूरा क्षेत्र जयकारों से गूंज रहा था। समाधि में लेटे बाबा को हर कोई कपड़े, कोई मिठाई, कोई फल तो कोई पैसे भेंट कर रहा था।जैसे ही समाधि का समय हुआ, तभी पुलिस टीम पहुंची जिसने बाबा को समाधि वाले गड्ढे से बाहर निकाल लिया। गुरुवार को यह घटनाक्रम सिविल लाइन थाना क्षेत्र के कैदोथा ग्राम पंचायत के तुस्सीपुरा गांव की है। यह हाई वोल्टेज ड्रामा 4 घंटे चला।

दरअसल संत रामसिंह बाबा उर्फ पप्पड़ बाबा कैथोदा गांव के बाबा दुर्गादास आश्रम में बने हनुमान और काली माता मंदिर पर पूजा पाठ करते हैं। बुधवार की सुबह 5 बजे अपने नाती प्रेमसिंह कुशवाह को बुलाया और कहा कि वह आज दोपहर 2 से 5 बजे के बीच समाधि लेंगे। अपना चोला छोड़ (देह त्याग) देंगे।

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पप्पड़ बाबा ने इच्छा जताई कि आसपास के सभी गांवों में उनके अनुयायियों को खबर कर दी जाए। इसके बाद गांव-गांव में मुनादी शुरू हुई। देखते ही देखते आश्रम में हजारों लोगों की भीड़ जुट गई। 105 साल की उम्र का दावा करने वाले संत पप्पड़ बाबा दोपहर 12 बजे स्नान करके पूजा-पाठ करने बैठ गए। इसके बाद बाबा एक चबूतरे पर बैठ गए जहां अनुयायियों ने दर्शन व पूजा की। दोपहर 2 बजकर 14 मिनट पर करीब 4 फीट गहरे गड्ढे में समाधि लेने के लिए बाबा लेट गए। इसके बाद पप्पड़ बाबा के जयकारों से पूरा क्षेत्र गूंज उठा। महिलाओं ने ढोलक बजाकर भजन-कीर्तन शुरू कर दिया। उधर बाबा के हजारों अनुयायियों ने समाधि में लेटे बाबा को अंतिम भेंट देना शुरू कर दिया। कोई कपड़े, कोई फल, कोई मिठाई तो कोई नगद रुपये चढ़ाने लगा। इस दौरान ग्रामीण लगातार फूल बसराते रहे।

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दो घंटे से ज्यादा गड्ढे में लेटने के कारण बिगड़ी तबीयत
दोपहर साढ़े 3 बजे बाबा ने समाधि के गड्ढे को मिट्टी से बंद करने की बात कही। कोई ग्रामीण इसके लिए तैयार नहीं हुआ। इसी बीच सिविल लाइन थाने की पुलिस टीम पहुंची। पुलिस ने पहले ग्रामीण फिर बाबा को समझाकर समाधि से बाहर निकाला। इधर समाधि के गड्ढे में दो घंटे से ज्यादा लेटने के बाद बाबा की तबियत बिगड़ गई। पुलिसकर्मियों ने उन्हें अस्पताल ले जाने की बात कही, लेकिन पप्पड़ बाबा इसके लिए तैयार नहीं हुए।

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