नई दिल्ली। पूर्वी दिल्ली के गाजीपुर में स्थित लैंडफिल साइट में सोमवार को भीषण आग लग गई. भीषण आग पर दिल्ली सरकार ने जांच के आदेश जारी कर दिए हैं. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि बार-बार चेतावनी देने के बावजूद एमसीडी सुधरने को तैयार नहीं है. इस तरह की घटनाएं बार-बार ना हों, इसे देखते हुए डीपीसीसी को जांच के आदेश दिए गए हैं. 24 घंटे के अंदर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है. उस रिपोर्ट के आधार पर जो भी इस लापरवाही का दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होगी. बता दें कि सोमवार को गाजीपुर के डंपिंग यार्ड में भीषण आग लगने से आसपास धुएं का गुबार छा गया और लोगों को सांस लेने में भी तकलीफ होने लगी.

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गाजीपुर डंपिंग यार्ड में जमा होता है पूरे शहर का कचरा

इस मसले पर आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधायक आतिशी ने कहा कि दिल्ली को गाजीपुर समेत 3 कूड़े के पहाड़ एमसीडी में भाजपा के 15 साल के शासन की देन हैं. ईडीएमसी के हिसाब से इस गाजीपुर के पहाड़ को खत्म करने में 200 साल लगेंगे. अब एमसीडी सीधे पीएम नरेंद्र मोदी के कंट्रोल में है, वह बताएं कि इस समस्या का क्या समाधान है ? आतिशी ने टेरी संस्था की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि तीनों कूड़े के पहाड़ों से दिल्ली के पर्यावरण को 450 करोड़ का नुकसान हुआ है. भाजपा शासित ईस्ट एमसीडी यह जानती है कि इस कूड़े के पहाड़ में कभी भी आग लग सकती है और यहां कूड़ा डालने आने वाले लोगों की जिंदगी को खतरा है.

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बीजेपी सांसद गौतम गंभीर पर निशाना

आग की इस घटना पर जमकर राजनीति हो रही है. गाजीपुर से सटे कोंडली इलाके से आम आदमी पार्टी विधायक कुलदीप कुमार ने बीजेपी सांसद गौतम गंभीर पर निशाना साधा है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि कितनी बार आग लगाकर गाजीपुर लैंडफिल साइट को खाली किया जाएगा, इससे कोंडली विधानसभा की जनता की जान पर खतरा बना हुआ है. बता दें कि डंपिंग यार्ड में आग लगने की घटना कोई पहली बार नहीं हुई है, बल्कि पहले भी कई बार गाजीपुर डंपिंग ग्राउंड पर इस तरह की आग लग चुकी है. छोटे कचरे के ढेर को जलाने के लिए आग लगाई जाती है, जो कभी-कभी पूरे इलाके में फैल जाती है और उसे काबू में लेना मुश्किल हो जाता है. हालांकि इस आग की वजह अब तक साफ नहीं है.