(सुधीर दंडोतिया की कलम से)

बीजेपी की पहली लिस्ट, कांग्रेस के दिग्गज का बिगड़ा खेल

मध्यप्रदेश में बीजेपी ने लोकसभा के 24 नामों का ऐलान कर दिया है। इस लिस्ट ने ग्वालियर चंबल में कांग्रेस के एक दिग्गज नेताओं को चिंता में डाल दिया। अब नेताजी को समझ नहीं आ रहा है कि आखिर वो क्या करें नेताजी को उम्मीद थी कि विधानसभा का चुनाव में हार मिली है, लोकसभा चुनाव लड़ लेंगे, संसद पहुंच जाएंगे, लेकिन उन्हीं के समाज के व्यक्ति को भाजपा ने टिकट दे दिया, अब सारे सपनों पर पानी फिर गया।

पॉवर गॉशिप: मॉनिटर भी अमित शाह की प्लानिंग का हिस्सा होगा, मानवाधिकार आयोग देरी से पहुंचे नेताजी, पटवारी मैडम पावर में हैं, दिन तो अपने भी थे, चुनाव हारे तो मान बैठे किसान नेता, कमलनाथ के बिन बुलाए ‘बाराती’

कांग्रेस नेताओं में कम्युनिकेशन गैप !

मध्य प्रदेश कांग्रेस में इस वक्त आल इज वेल बिल्कुल नहीं है। कांग्रेस मीडिया विभाग की जिम्मेदारी है कि वो पार्टी और पत्रकारों के बीच समन्वय बनाए, लेकिन कांग्रेस मीडिया विभाग के बीच में ही कम्युनिकेशन नहीं है। कांग्रेस मीडिया विभाग से जुड़े दो वरिष्ठ नेता आपस में बातचीत नहीं कर रहे है, बातचीत नहीं होने के कारण कई बार खेल बिगड़ते बिगड़ते बच गए है। अब देखना है कब तक ये चलता रहेगा, क्योंकि दोनों झुकने के लिए तैयार नहीं है।

तुम दिन को रात कहो तो रात कहेंगे

एक गाना तो आपने सुना ही होगा। बोल हैं जो तुमको हो पसंद वही बात करेंगे, तुम दिन को रात कहो तो रात कहेंगे। ऐसा ही इस वक्त प्रदेश की सियासत में हो रहा है। मामला कांग्रेस की बैठक का है। जब कमलनाथ स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में नाराज हुए थे। फिर राहुल गांधी की यात्रा को लेकर ग्वालियर में बैठक हुई। जहां लोकसभा चुनाव में उतरने की तैयारी में बैठे एक वरिष्ठ नेता ने तंज कसा और लिखा कि तुम दिन को रात कहो तो रात कहेंगे। हालांकि गनीमत इस बात कि रही कि कुछ ही पलों बाद व्हाट्सअप से इसे डिलीट कर दिया गया। खैर चुनावी सियासत की बातें छिपती कहा हैं। इसका एक स्क्रीन शॉट भी छिंदवाड़ा के साथ पीसीसी भेज दिया गया। सुना है कांग्रेस में टिकट वितरण के दौरान इस हथियार का उपयोग किया जाएगा।

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हंगामा क्यों हैं बरपा

नगरीय विकास एवं आवास विभाग में इन दिनों अफसरों की नींद हराम है। मामला करोड़ों के भुगतान से जुड़ा हुआ है। मामला सिविल शाखा के चुनिंदा ठेकेदारों का है। दरअसल, हुआ यूं कि नई सरकार ने पुराने वर्क ऑर्डर, पेमेंट और कंपनियों की पड़ताल की शुरू कर दी है। इसमें केंद्र सरकार की सिर्फ अमृत योजना के तहत प्रोजेक्ट की लागत ही 600 करोड़ के पार है। फिर राज्य सरकार के कामों की सूची तो तीन गुनी है। अब इस पड़ताल के बाद आखिर क्या होगा। इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।

पॉवर गॉशिप:  तैयारी दिल्ली ने कर रखी है… आनन-फानन में पहुंचेंगे नेता…एमपी कांग्रेस में कुर्सी की लड़ाई…जब उड़ गए अफसरों के होश…चुनाव लड़ना है लेकिन पैसे नहीं हैं 

साहब के कार्यक्रम से पब्लिक गायब, सीनियर IAS ने जूनियर IAS को फटकारा

कुछ दिन पूर्व राजधानी भोपाल में एक बड़ा सरकारी कार्यक्रम हुआ। जिसमें केंद्र और राज्य सरकार के दिग्गज शामिल हुए, लेकिन जब कार्यक्रम में सबसे बड़े साहब बोलने शुरू हुए तब भीड़ बसों में बैठकर चलती बनी। इससे नाराज अधिकारी ने अपने अधीनस्थ आईएएस अधिकारी को फटकार लगाते हुए कहा कि चाबी छीन लेनी थी, लेकिन किसी को जाने नहीं देना था। अब इस पूरे कार्यक्रम के जितने भी अधिकारी थे सबकी क्लास लगी है।

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