(सुधीर दंडोतिया की कलम से)
तैयारी दिल्ली ने कर रखी है
लोकसभा चुनाव की तैयारी में दोनों दल जुटे हुए हैं. कौन सा कार्यक्रम कब और कहां होगा. इसको लेकर बीजेपी और कांग्रेस ने प्लानिंग करना शुरू कर दिया है. इस बीच खबर है कि केंद्रीय नेताओं के दौरे और सभा सहित अन्य तरह की तैयारियां दोनों दलों के कर्ताधर्ताओं ने पूरी कर ली हैं. दरअसल केंद्रीय नेताओं को पूरे देश में प्रचार पर निकलना है. चुनावी दृष्टि से कब कहां जाना उचित है. इस संबंध में पूरी रूपरेखा तय की जा चुकी है.
पॉवर गॉशिप: विधायक जी की बैठक चल रही है…अकेला कलेवर नहीं काम भी तो बदल रहा है…शहरी वालों के काम अटक गए…टिकट दिया तो इस्तीफा दे दूंगा…थानेदार को ‘व्यवस्था’ की चिंता
आनन-फानन में पहुंचेंगे नेता
बीजेपी में गांव चलो अभियान के तहत दिग्गज नेता गांवों में जाकर रात्रिविश्राम कर रहे हैं. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा दिग्विजयसिंह के गढ़ राघौगढ़ से इसकी शुरुआत कर चुके हैं. अब दूसरे कद के नेता भी गांवों में रात्रि विश्राम करेंगे. किस नेता को कब कहां पहुंचना है, ये सब अचानक तय होगा और स्थानीय तौर पर भी तुरंत ही बताया जाएगा. पार्टी की ओर से नेताओं को इस संबंध में इशारा भी कर दिया गया है. यानी गांव का दौरा करने वाले नेताओं को अलर्ट रहना होगा कि पता नहीं गांव में रात्रि विश्राम के लिए किस दिन सुबह-सुबह फोन घनघना उठे.
पॉवर गॉशिप: दिल्ली और उत्तर प्रदेश से सधेंगे समीकरण…कांग्रेस में पलटी जा रही हैं पुरानी फाइलें…गांव-चलो अभियान में मतदाता चिन्हित करने की तैयारी… दो नेताओं की दोस्ती के जमकर चर्चे…
एमपी कांग्रेस में कुर्सी की लड़ाई
विधानसभा सत्र मे सत्ता पक्ष को कैसे घेरें इसको लेकर कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी,लेकिन कांग्रेस के एक युवा विधायक ने अपने ही सीनियर विधायकों को बैठक के अंदर घेर दिया. बैठक के अंदर जब बोलने उठे तो ये युवा विधायक ने सीनियर विधायकों को बिना नाम लिए कहा जो वरिष्ठ विधायक सदन में नहीं आएंगे उनकी सीट पीछे की तरफ कर दी जाएगी आगे की सीट खाली रहने पर खराब लगता है. जैसे ही विधायक ने ये कहा, बैठक के अंदर सन्नाटा पसर गया. सभी विधायक एक दूसरे को देखने लगे….आखिर निशाना किस पर साधा गया है.
पॉवर गॉशिप: वाइब्रेंट के बाद चौंके अफसर…मंत्रीजी को मजा नहीं आ रहा…आवेदनों से मंत्री परेशान… वक्त बड़ा बलवान है….नेताजी
जब उड़ गए अफसरों के होश
राजधानी समेत पूरे प्रदेश में कुत्तों का आतंक है। बीते दिनों राजधानी में एक के बाद डॉग बाइट की घटनाएं सामने आई. एक मंत्री जी ने अफसरों को तलब किया. दरअसल, हुआ यूं कि मंत्री जी के स्टॉप के एक नहीं बल्कि तीन-तीन लोगों को कुत्तों ने शिकार बनाया. मंत्री के सामने अफसरों की सफाई भी काम नहीं आई. कुछ देर बात सुनने के बाद मंत्री जी ने साफ बोला कि कितना कमीशन मिलता है, कुछ तो नौकरी बजाओ. जांच के बाद सड़क पर ही नपोगे। सुनते ही अफसरों के होश उड़ गए। उस दिन तो रात में भी मंत्री जी के क्षेत्र में कुत्ता अभियान चला.
पॉवर गॉशिप: कसम से, बड़ी एडवांस है एमपी की ब्यूरोक्रेसी… हार से हुए बेरोजगार तो नए पर पुरानों का दबदबा… ऐसी समीक्षा तो गांधी और खड़गे भी नहीं कर पाएंगे…चुनाव में वसूली भाई ने काटी चांदी…नेताजी की शॉपिंग
चुनाव लड़ना है लेकिन पैसे नहीं है
एमपी कांग्रेस इस वक्त दो मुसीबत में फंसी हुई है एक तो उसके पास मजबूत उम्मीदवार नहीं मिल रहे और दूसरा उम्मीदवार अच्छे मिल भी रहे हैं तो वो पैसे के रोना रोते नजर आ रहे हैं. पार्टी संगठन ने कुछ विधायकों को लोकसभा चुनाव लड़ाने का मन बनाया जिसके बाद इन विधायकों से बातचीत की गई. विधायक चुनाव लड़ने के लिए तो तैयार हो गए लेकिन संगठन को खाली जेब दिखा दी. कहा पार्टी पैसा देगी तो चुनाव लड़ेंगे क्योंकि जो पैसा था वो विधानसभा चुनाव में लगा चुके हैं. सरकार बनी नहीं है इसलिए पैसा है नहीं और जो लोग हमें फाइनेंस करते है वो लोकसभा चुनाव में पार्टी की स्थिति देखते हुए हाथ खींच चुके हैं.