सुधीर दंडोतिया
सुधीर दंडोतिया

(सुधीर दंडोतिया की कलम से) 

विधायक जी की बैठक चल रही है

वाक्या बीजेपी प्रदेश कार्यालय में हुई बैठक के बीच का है. बीजेपी नेतृत्व लोकसभा चुनाव को लेकर बैठक ले रहा है. मंच पर राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष के साथ तमाम नेता मौजूद थे कि इस बीच पार्टी कार्यालय पहुंचे विधायकजी दरवाजा खोलकर अंदर दाखिल हो गए. फिर क्या था मंचासीन आधे नेताओं की ही नजर पड़ी थी कि विधायकजी को बैठक कक्ष से बाहर जाने का तुरंत इशारा कर दिया गया. इस घटनाक्रम के बाद विधायकजी सकते में थे, क्योंकि पूर्व में मंत्री पद पर आसीन रह चुके हैं.

पॉवर गॉशिप: दिल्ली और उत्तर प्रदेश से सधेंगे समीकरण…कांग्रेस में पलटी जा रही हैं पुरानी फाइलें…गांव-चलो अभियान में मतदाता चिन्हित करने की तैयारी… दो नेताओं की दोस्ती के जमकर चर्चे…

अकेला कलेवर नहीं काम भी तो बदल रहा है

नई सरकार में सब कुछ बदला-बदला सा है. इससे जुड़े चार लोग जहां इकटठा हों, वहीं चर्चा शुरू हो जाती है. हुआ यूं कि एक जगह बड़ों की बैठक हुई तो उनके मातहतों के बीच चाय पर चर्चा हो गई. बैठक में बात उठी कि नई सरकार में काफी कुछ कलेवर बदल चुका है. बाकी भी बदलने वाला है. इस बीच एक मातहत सज्जन कह बैठे जरा गौर से देखें, अकेला कलेवर नहीं बदल रहा बल्कि ये भी देखो कि काम भी बदल रहा है.

पॉवर गॉशिप: मंत्री जी उवाच- चुनाव हार गए और सिफारिश कर रहे हैं…बेटा लाइक नहीं किया ऐसे तो हाथ से निकल जाएगा…मुख्यमंत्री को अपने क्षेत्रों में बुलाने की होड़…मंत्री जी का फोटो सेशन…जब उड़ गए अफसरों के होश…

शहरी वालों के काम अटक गए

गांवों का विकास शहरी क्षेत्रों के आधार पर, जबकि शहरों का विकास मेट्रो सिटी की तर्ज पर. मध्य प्रदेश में विकास की ये परिपाटी लंबे समय से चल रही है और इसी आधार पर करोड़ों की फाइलें भी चलती आ रही हैं. लेकिन इस रफ्तार पर विराम तब लग गया जब विभाग के मुखिया ने बारीकी से पड़ताल कर डाली. फिर क्या था, दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए कि अब सब कुछ अफसरों के मनमाफिक नहीं चलेगा. फाइल को मंजूरी देने से पहले विकास के पैमाने का पूरा लेखा-जोखा देखा जाएगा. उसके बाद ही मंजूरी मिलेगी.

पॉवर गॉशिप: वाइब्रेंट के बाद चौंके अफसर…मंत्रीजी को मजा नहीं आ रहा…आवेदनों से मंत्री परेशान… वक्त बड़ा बलवान है….नेताजी

टिकट दिया तो इस्तीफा दे दूंगा

कांग्रेस में एक बड़े नेताजी खुले तौर पर बड़े नेताओं को टिकट देने की वकालत करते नजर आ रहे हैं…. लेकिन जब टिकट को लेकर बंद कमरे में बैठक होती है तो खुद पीछे हट जाते हैं और यहां तक धमकी देते हैं कि मुझे टिकट दिया गया तो इस्तीफा दे दूंगा मुझे इस पचड़े में नहीं फंसना इस बार. लेकिन चर्चा जोरों पर है की इस बार दूसरा खेमा नेता जी को टिकट दिलाकर ही मानेगा. 

पॉवर गॉशिप: मंत्रीजी कार्यक्रम या बैठक में हैं…खुद ही तय कर लिए थे सरकारी विभाग…बड़े जोखिम हैं इस राह में…अब ठेकेदार के चक्कर लगा रहे बड़े-बड़े अधिकारी…अफसर की शह पर मंत्रालय में ऐसी खींचतान  

थानेदार को ‘व्यवस्था’ की चिंता

राजधानी में कुछ दिन पहले थानेदारों के थाने बदले गए हैं. एक नए थानेदार साहब पता लगाने में जुटे हुए हैं कि कहां-कहां से व्यवस्था होती है. इसके लिए साहब ने थाने के एक सिपाही को अपना खास सिपहसालार बना लिया है जो लंबे समय से थाने पर पदस्थ है, ये थाना शहर का सबसे कमाऊ वाला इलाकों मे आता है अब देखते हैं साहब कितनी लाइन जमा पाटे है.

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