(सुधीर दंडोतिया की कलम से)
जब टिकट फाइनल कमेटी के सदस्य ने चुनाव के लिए खुद का नाम आगे बढ़ाया
महाकौशल की एक आदिवासी सीट है इस सीट पर कांग्रेस और भाजपा दोनों ने प्रत्याशी का ऐलान कर दिया। कांग्रेस की तरफ से इस सीट से पहले कोई बड़ा नेता चुनाव लड़ने के लिए तैयार नहीं था। मजबूत प्रत्याशी के लिए संगठन ने एक मौजूदा विधायक तैयार किया। विधायक जी ने जमावट शुरू की, लेकिन इन सबके बीच भाजपा की तरफ से प्रत्याशी का ऐलान हुआ। मौजूदा सांसद को फिर से रिपीट किया गया। इसके बाद कांग्रेस के अंदर एक अनार सौ बीमार वाले हालत हो गए, सबको लगने लगा बीजेपी के प्रत्याशी के सामने आसानी से चुनाव जीता जा सकता है। इसके बाद कांग्रेस के अंदर एक और विधायक एक्टिव हुए। ये विधायक जी खुद टिकट फाइनल करने वाली कमेटी में है। जब इस टिकट पर चर्चा हुई तो बैठक अंदर खुद का ही नाम आगे बढ़ा दिया।
पिछले वादे को विरोधियों ने बनाया मुद्दा, फंसा दिया टिकट
मध्यप्रदेश कांग्रेस के एक दिग्गज नेता का टिकट पहली लिस्ट में बस इसलिए फंस गया कि नेताजी ने पिछले चुनाव में पार्टी की बैठक के अंदर ऐलान किया था कि इस चुनाव में मुझे टिकट दिया जाए, अगली बार मैं चुनाव नहीं लडूंगा, ये मेरा आखिरी चुनाव है। बस फिर क्या था विरोधियों को मौका मिला। दूसरे खेमे के नेता पिछले चुनाव में किए गए वादे को याद दिलाते हुए उनकी सीट से किसी नए उम्मीदवार को उतारने पर अड़ गए। नेताजी भी कमजोर नहीं है दिल्ली दरबार में उनकी जबर्दस्त पकड़ है। इसलिए आखिरी समय पर दम लगाकर टिकट होल्ड करवा दिया। अब देखना होगा कि 18 मार्च की बैठक में किसके नाम मुहर लगती है। चलते चलते बता देते हैं ये नेताजी कांग्रेस के बड़े आदिवासी चेहरा है और कई बार सांसद और केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं।
चाहत कम नहीं फिर बनना है सांसद ,टिकट कटा तो छोड़ी पार्टी
विंध्य संभाग के बीजेपी के बड़े नेता अजय प्रताप सिंह ने शनिवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा के बाद नेताजी ने कई गंभीर आरोप पार्टी पर लगाए, लेकिन अंदर खाने की खबर है की नेताजी फिर से सांसद बनने का सपना देख रहे थे, जिसके लिए उन्होंने तमाम बड़े नेताओं के बंगले के दरवाजे खटखटाया, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई, थक हारकर पार्टी छोड़ दी। नेताजी का राज्यसभा का कार्यकाल अगले महीने अप्रैल के फर्स्ट वीक में खत्म हो रहा है। इस बार नेताजी लोकसभा जाना चाहते थे।
आईएएस अधिकारी का तबादला, अब बीवी के ट्रांसफर के लिए परेशान
मध्य प्रदेश में एक बड़े अधिकारी के कलेक्टर बेटे का एक बार फिर तबादला हो गया और वह भोपाल में पदस्थ कर दिए गए, लेकिन यह आईएएस अधिकारी अब अपनी बीवी को भोपाल लाने में जुटे हुए हैं, क्योंकि इससे पहले जो जिले में थे तब उन्होंने वहां पर उनका तबादला करवा लिया और उससे पहले वाले जिले में भी अपने रुतबे को दिखाते हुए वहां भी ट्रांसफर करवा लिया था। अब देखना होगा नेताजी की फटकार के बाद बड़े अधिकारी के कलेक्टर बेटे का तबादला तो कर दिया गया लेकिन इस बार अपनी बीवी का तबदला करवा पाते हैं या नहीं…
अफसर मैडम की मनमानी
सरकार में प्रशासनिक महकमे अफसर मंत्रियों को भी नहीं पूछ रहे। एक सीनियर आईएएस मैडम विभाग के मंत्री से बिना पूछे ही काम कर रही है। तनातनी तब और बढ़ गया जब अधिकारी ने मंत्री को बिना लूप में लिए एक आदेश निकाल दिया। मंत्री जी को जब आदेश के बारे में पता चला तो आगबबूला हो गए, क्योंकि मंत्री का मानना था कि इस आदेश से किसान और वेयरहाउस संचालक दोनों परेशान होंगे। जिससे सरकार की इमेज पर डेंट लगेगा, वैसे ये मैडम परिवार के महाभारत को लेकर भी चर्चा में है।
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