• सिर और ब्रेन से लेकर पेट की कई गंभीर बीमारियों का उपचार लोगों को दिया जा रहा है

  • कैंसर के इलाज के साथ सर्जरी भी चालू, अनुमति मिलते ही डायलिसिस की सुविधा भी जल्द

रायपुर. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स में अब 60 डॉक्टरों की पोस्टिंग के साथ ही 8 सुपर स्पेशलिटी विभागों में 15 से ज्यादा गंभीर बीमारियों का इलाज शुरू हो गया है. बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक कई गंभीर बीमारियों के इलाज की सुविधा मरीजों को दी जा रही है.

2012 में एम्स का मेडिकल कॉलेज चालू होने के बाद से ही मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे थे, लेकिन ज्यादातर को अंबेडकर अस्पताल भेजकर मायूस कर दिया जाता था. अब अलग-अलग विभागों के स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की पोस्टिंग होने के बाद से किसी भी मरीज को लौटाया नहीं जा रहा है.

डॉक्टरों की पोस्टिंग होने के साथ ही ऑपरेशन थियेटर भी चालू हो गए. इसी से अचानक एम्स में सुविधाएं बढ़ गईं. सिर और ब्रेन से लेकर पेट की कई गंभीर बीमारियों का इलाज लोगों को दिया जा रहा है. कैंसर के लिए अभी तक अंबेडकर अस्पताल ही इकलौता विकल्प था. एम्स में इलाज के साथ-साथ कैंसर की सर्जरी भी चालू कर दी गई है. फिलहाल, किडनी का इलाज मेडिसिन के विशेषज्ञ कर रहे हैं. अफसरों के अनुसार किडनी विशेषज्ञ की नियुक्ति होने के बाद यहां डायलिसिस की सुविधा चालू कर दी जाएगी.

183 डॉक्टरों की भर्ती प्रक्रिया शुरू

एम्स में 183 कंसल्टेंट डॉक्टरों के पद अभी खाली हैं. इसे तुरंत दूर करने के लिए रिटायर्ड व प्रतिनियुक्ति पर डॉक्टरों की सीधी भर्ती की जा रही है. इनमें प्रोफेसर के 41, एडिशनल प्रोफेसर के 34, एसोसिएट प्रोफेसर के 54 व असिस्टेंट प्रोफेसर के 54 पद खाली हैं. बर्न एंड प्लास्टिक सर्जरी में सात, कार्डियोलॉजी में तीन, कार्डियो थोरेसिक सर्जरी में सात, इंडिक्रियोनोलॉजी एंड मेटाबोलिज्म में तीन, गैस्ट्रोलॉजी में चार, मेडिकल हेमेटोलॉजी में आठ, नियोनेटोलॉजी में पांच डॉक्टरों के पद खाली है.

इसी तरह नेफ्रोलॉजी में चार, न्यूरोलॉजी में तीन, न्यूरो सर्जरी में छह व न्यूक्लियर मेडिसिन में तीन, सर्जिकल आंकोलॉजी में आठ, सर्जिकल गैस्ट्रोलॉजी में आठ डॉक्टरों के खाली पदों को भरा जाएगा. ट्रामा एंड इमरजेंसी विभाग के अंतर्गत न्यूरो सर्जरी में दो व यूरोलॉजी में आठ सीनियर डॉक्टरों की भर्ती की जाएगी. रिटायर्ड डॉक्टरों में प्रोफेसर को हर माह 2.20 लाख, एडिशनल प्रोफेसर को दो लाख व एसोसिएट प्रोफेसर को 1.88 लाख रुपए वेतन दिया जाएगा.

प्रदेश के किसी अस्पताल में नहीं हैं एम्स जैसी सुविधा

एम्स में न्यूक्लियर मेडिसिन विभाग अंबेडकर अस्पताल सहित किसी भी प्राइवेट अस्पताल में नहीं है.  यहां न्यूक्लियर मेडिसिन विभाग में मरीजों का इलाज व इमेजिंग शुरू कर दिया गया है. इस मशीन के शुरू होने से कैंसर समेत ब्रेन ट्यूमर व ब्रेस्ट कैंसर के इलाज में सुविधा उपलब्ध है. एडवांस टेक्नालॉजी का गॉमा कैमरा व 43टी मशीन लगायी गयी है. इस मशीन से थायराइड कैंसर का इलाज शुरू हो गया है. प्रबंधन का दावा है कि पहली बार सेंट्रल इंडिया में स्पैक्ट सीटी मशीन लगाई गई है. इस मशीन से हार्ट का ब्लॉक, किडनी फंक्शन के अलावा गर्भाशय कैंसर, ब्रेन ट्यूमर, हड्डी कैंसर, लीवर व फेफड़े के कैंसर की जांच संभव हो गई. यही नहीं कैंसर की कोशिकाओं की जांच भी की जा रही. इस मशीन से हार्मोन संबंधी बीमारी की जांच व इलाज, मिर्गी व गैस्ट्रोलॉजी संबंधी बीमारी की जांच की जा सकती है.