Ravi Pradosh Vrat 2024 : हर महीने में दो प्रदोष व्रत आते हैं. मान्यता है जो भी व्यक्ति इस दिन व्रत रखकर मां पार्वती और महादेव की आराधना करते हैं. उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. वहीं इस व्रत के प्रभाव से सुहागिनों को अखंड सौभाग्यवती का वरदान, संतान संबंधी परेशानी दूर होती है. वहीं मई महीने का प्रदोष व्रत 5 मई को रखा जाएगा. इस बार प्रदोष व्रत रविवार को है तो इसे रवि प्रदोष कहा जाएगा.

प्रदोष व्रत पूजा मुहूर्त (Ravi Pradosh Vrat 2024)

वहीं रवि प्रदोष व्रत वाले दिन भोलेनाथ की पूजा का शुभ समय शाम 06 बजकर 58 मिनट से शुरू होकर रात 09 बजकर 05 मिनट तक रहेगा. इस समय में आप भगवान शिव की पूजा- अर्चना कर सकते हैं।

रवि प्रदोष व्रत का महत्व

इस दिन आराधना करने से भगवान शिव प्रसन्न होकर होते हैं. साथ ही शिव जी के आशीर्वाद से धन, संपत्ति, यश, कीर्ति की प्राप्ति होती है. वहीं इस दिन जो व्यक्ति भोलेनाथ के साथ- साथ सूर्य देव की आराधना करता है. उसके सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं. वहीं रवि प्रदोष व्रत रखने से व्यक्ति को आरोग्य की प्राप्ति होती है.

रवि प्रदोष व्रत रखने के 5 फायदे

1. रवि प्रदोष के दिन नियम पूर्वक व्रत रखने से जीवन में सुख, शांति और लंबी आयु प्राप्त होती है।

 2. रवि प्रदोष का संबंध सीधा सूर्य से होता है. अत: चंद्रमा के साथ सूर्य भी आपके जीवन में सक्रिय रहता है. इससे चंद्र और सूर्य अच्‍छा फल देने लगते हैं. फले ही वह कुंडली में नीच के होकर बैठे हों. सूर्य ग्रहों का राजा है. रवि प्रदोष रखने से सूर्य संबंधी सभी परेशानियां दूर हो जाती है.

3. यह प्रदोष सूर्य से संबंधित होने के कारण नाम, यश और सम्मान भी दिलाता है. अगर आपकी कुंडली में अपयश के योग हो तो यह प्रदोष करें।

 4. पुराणों अनुसार जो व्यक्ति प्रदोष का व्रत करता रहता है वह जीवन में कभी भी संकटों से नहीं घिरता और उनके जीवन में धन और समृद्धि बनी रहती है।

5. रवि प्रदोष, सोम प्रदोष व शनि प्रदोष के व्रत को पूर्ण करने से अतिशीघ्र कार्यसिद्धि होकर अभीष्ट फल की प्राप्ति होती है. सर्वकार्य सिद्धि हेतु शास्त्रों में कहा गया है कि यदि कोई भी 11 अथवा एक वर्ष के समस्त त्रयोदशी के व्रत करता है तो उसकी समस्त मनोकामनाएं अवश्य और शीघ्रता से पूर्ण होती है.