शब्बीर अहमद, भोपाल। चयनित शिक्षकों की जॉइनिंग में 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण पर जबलपुर हाईकोर्ट (jabalpur highcourt) की रोक के बाद पहली बार शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ( Education minister inder Singh parmar) ने अपनी बात रखी है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि कोर्ट ने जो 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण पर रोक लगाने के आदेश दिए हैं। हम उसकी समीक्षा कर रहे हैं। कोर्ट ने जो आदेश दिया हैं उसका अध्ययन करेंगे. उसके बाद आदेश जारी करेंगे. अभी चयनित शिक्षकों को जॉइनिंग के बाद ट्रेनिंग किस तरीके दी जाएगी उसकी तैयारियां चल रही है।

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वहीं प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि अभिभावकों के सहमति के बगैर किसी भी बच्चों के स्कूल में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। स्कूल शिक्षा विभाग की तरफ से कोरोना के प्रति जागरूक करने जागरुकता अभियान भी चलाया जाएगा। कोरोना का अगर संक्रमण बढ़ता है तो समीक्षा बैठक करेंगे। उसके बाद स्कूल बंद करने फैसला लिया जाएगा। सभी आयोजन हो रहे हैं तो स्कूल बंद करना सही नहीं है। बच्चों के भविष्य को देखते हुए ही स्कूल खोलने का फैसला लिया गया है।

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जानिए क्या है मामला
बता दें कि साल 2018 में मध्यप्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल के जरिए एमपी स्कूल शिक्षा विभाग (MP School Education Department)  ने शिक्षकों की भर्ती का विज्ञापन निकाला है। इसके बाद जनवरी 2020 में सरकार ने चयनित अभ्यर्थियों की अंतिम सूची जारने के लिए एक निर्देशिका जारी की। जिसमें ओबीसी वर्ग को 27 फीसदी और गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने की बात कही थी। हालांकि सरकार के इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई और हाईकोर्ट ने अगले आदेश तक शिक्षकों की जॉइनिंग पर रोक लगा दी है। अब स्कूल शिक्षा मंत्री ने 27 फीसदी आरक्षण के साथ जॉइनिंग देने की बात कहकर फिर से मामले को गरमा दिया है।

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