धमतरी। सरकार ने देश से भष्ट्राचार को समाप्त करने औरनौकरशाही पर लगाम कसने के लिए गांवों मे पंचायतीराज को लागू किया है. सारे अधिकार पंचायतो को दे दिए हैं ताकि गांव का प्रधान या सरपंच गांव में विकास का बयार ला सके और लोगों को ज्यादा से ज्यादा से लाभ मिल सके। लेकिन धमतरी मे पंचायतीराज के जरिये मिली शक्तियाों का जमकर दुरूपयोग किया जा रहा है.
कुरूद इलाके के कुम्हारी गांव में प्रधानमंत्री अावास योजना का लाभ दिलवाने के एवज में सरपंच सचिव गरीबों से पांच हजार रिश्वत मांग रहे है. इस आशय की कायत दो दर्जन ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से की है. दरअसल कुरूद  के कुम्हारी गांव में ज्यादातर गरीब तबके के लोग रहते है. जिनके पास एक से दो एकड़ खेत है और इसी के सहारे अपना गुजर बसर करते है.  गांव के अधिकतर लोगों का नाम गरीबी रेखा सर्वे सूची में दर्ज  है.
शिकायतकर्ता ग्रामीणों का कहना है कि पीएम आवास सूची में उनका नाम आया था, लेकिन सरपंच सचिव ने अपनी मनमानी करते हुए करीब दो दर्जन लोगों के नाम उस सूची से हटा दिया. ग्रामीणों ने सरपंच सचिव पर आरोप लगाया है कि पीएम आवास का लाभ दिलवाने के एवज मे उनसे पांच-पांच हजार रुपए की मांग कर रहे है. अब ऐसे में गरीब लोग कहां से पांच हजार रिश्वत के तौर पर दे. यहीं नहीं गांव में एक महिला के पास जमीन का एक टुकडा भी नही है लेकिन सरपंच ने रिकार्ड में उनके नाम से दो एकड़ जमीन बताते हुऐ उनका नाम पीएम आवास सूची से काट दिया है. बहरहाल जिला प्रशासन ने इस मामले में जांच करने की बात कही है.