शब्बीर अहमद, भोपाल। प्रमोशन में रिजर्वेशन के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में आज से फाइनल सुनवाई शुरू होगी. आज से सुप्रीम कोर्ट मामले पर नियमित सुनवाई करेगा. मध्य प्रदेश सरकार की तरफ से विशेष अधिवक्ता मनोज गोरखेला पक्ष रखेंगे. एमपी में 30 अप्रैल 2016 से प्रमोशन बंद है.

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों को 30-30 मिनट का समय दिया है. 14 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने सरकारों को तीन हफ्तों का समय दिया था. हालांकि अब 10 अक्टूबर को मामले में कोर्ट फैसला सुनाएगा.

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क्यों रुके हुए हैं प्रमोशन

2002 नियम के अनुसार 2016 तक प्रमोशन में आरक्षण मिला. 2016 में हाईकोर्ट ने प्रमोशन में आरक्षण पर रोक लगा दी. हाईकोर्ट में रोक के खिलाफ राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची. 2016 में प्रमोशन में आरक्षण रद्द की याचिका भी हुई. यह याचिका सामान्य वर्ग के कर्मचारियों ने लगाई थी. मामले में सपाक्स का तर्क था कि प्रमोशन जूनियर को मिल रहा है. जूनियर प्रमोशन में आरक्षण पाकर उनका सीनियर हो रहा है.

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प्रमोशन अटकने के साइड इफेक्ट-

अगर प्रमोशन अटकने के साइड इफेक्ट की बता करें तो हर साल 17 से 18 हजार बिना प्रमोशन के रिटायर हो जाते हैं. अब तक 78-80 हज़ार कर्मचारी बिना प्रमोशन के रिटायर हुए. रोक के कारण किसी भी वर्ग को प्रमोशन नहीं मिल रहा है. प्रमोशन नहीं मिलने से न पद बढ़ रहा है न सैलरी. बीच का रास्ता निकालने सीएम शिवराज सिंह ने  5 मंत्रियों की कमेटी बनाई है. हालांकि कमलनाथ ने भी बनाई थी कमेटी, लेकिन कोई हल नहीं निकला.

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