सरीला/हमीरपुर: जिले के जरिया थाना में तैनात एक बीमार सिपाही के इंस्पेक्टर द्वारा छुट्टी ना देने पर सिपाही श्रवण कुमार ने थाना प्रभारी पर बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने बताया कि जब वह जरिया इंस्पेक्टर के पास छुट्टी लेने गए तो उन्होंने कहा कि आपको दुनिया में कोई डॉक्टर ठीक नहीं कर सकेगा. यह कहते हुए अवकाश नहीं दिया. जिसके बाद अस्पताल से सिपाही ने पिता के साथ एक व्हाट्सएप ग्रुप में पोस्ट डालते हुए लिखा किसी के बच्चे को ऐसा न कहा कीजिए कि सबूत देना पड़े. फिर क्या था, सिपाही की पोस्ट वायरल हो गई. हालांकि जरिया इंस्पेक्टर ने इन सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है.

जानकारी के मुताबिक जरिया थाना के सरीला चौकी में तैनात सिपाही श्रवण कुमार टायफॉइड और प्लेटलेट्स कम होने वजह से बीमार थे. इसके इलाज के लिए छु्ट्टी मांगने वे 18 सितंबर को जरिया थाना इंस्पेक्टर रामआसरे सरोज के पास गए हुए थे. सिपाही श्रवण कुमार का आरोप है कि उस दौरान रामआसरे ने उसे कहा कि आपको दुनिया में कोई डॉक्टर ठीक नहीं कर सकेगा, और अवकाश नहीं दिया. साथ ही उसे 20 सितंबर को एक गेम के लिए कौशाम्बी जनपद पुलिस लाइन रवाना कर दिया गया. जहां हालात गड़बड़ होने पर सिपाही ने अपने पिता को जानकारी दी. इसके बाद दोनों अस्पताल चले गए और वहां से श्रवण ने अपने पिता की फोटो के साथ वॉट्सएप ग्रुप में एक पोस्ट डालते हुए लिखा कि- श्री मान जी, आरक्षी की तबीयत टाइफाइड व प्लेटलेट्स लगातार कम होने के कारण इलाज करवाने हेतु दिनांक 18 सितंबर को आरक्षी आपके पास अवकाश लेने आया था. लेकिन आपके द्वारा अवकाश देने से इंकार कर दिया गया. यह कहकर कि तुम्हें दुनिया का कोई डॉक्टर ठीक नहीं कर पाएगा. श्रीमान जी कृपया किसी के बच्चे को ऐसा ना कहा कीजिए कि किसी को अपने इलाज का सबूत देना पड़े. क्योंकि आप भी अपने परिवार के एक महत्वपूर्ण और जिम्मेदार सदस्य हैं.

आरोप बेबुनियाद- इंस्पेक्टर

ये पोस्ट वायरल होते ही पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया है. वायरल पोस्ट में सिपाही अपना दर्द बयां कर रहा है. वहीं जरिया इंस्पेक्टर रामआसरे सरोज ने सिपाही के आरोपों को निराधार बताया है. उन्होंने कहा कि श्रवण का कौशाम्बी जिले में पुलिस विभाग के एक गेम में चयन हुआ था. जिसमें वह नहीं जाना चाहता था. इसलिए वो छुट्टी चाह रहा था. सिपाही उच्चाधिकारियों के पास से अवकाश लेने जा सकता था.

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