बीजापुर। सिलगेर गोलीकांड के बाद नक्सलियों के दक्षिण सब जोनल ब्यूरो ने प्रेस नोट जारी किया है. नक्सलियों ने गोलीकांड के विरोध में 21 मई को बीजापुर-सुकमा बंद का आव्हान किया है. माओवादी हमले को लेकर पुलिस के दावे को मनगढ़ंत कहानी बताया है. माओवादियों ने गोलीबारी की घटना की निंदा करते हुए पुलिस अफसरों पर कार्रवाई की मांग की है.

नक्सलियों ने प्रेस नोट में कहा है कि बस्तर संभाग के बीजापुर जिले के सिलंगेर में सीआरपीएफ कैंप के खिलाफ पिछले चार दिनों से ग्रामीण शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन कर रहे थे. उन ग्रामीणों पर 17 मई को राज्य सरकार के आदेश पर बस्तर आईजी सुंदरराज पी और बीजापुर एसपी कमल लोचन कश्यप के निर्देशन पर अंधाधुंध गोलीबारी की गई. जिसमें 3 ग्रामीणों की मौत हो गई. भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) का दक्षिण सब जोनल ब्यूरो इस कत्लेआम की कड़ी निंदा करती है. जनता को आव्हान करती है कि इस नरसंहार के खिलाफ 21 मई को बीजापुर-सुकमा दो जिलों के बंद को सफल बनाए.

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प्रेस नोट में लिखा है कि कोरोना महामारी के प्रकोप और लॉकडाउन के प्रतिबंधों की वजह से एक तरफ जनजीवन अस्तव्यस्त हो रहा है, तो दूसरी तरफ बस्तर के जल-जंगल-जमीन को कॉरपोरेट कंपनियों को लुटाने लगातार पुलिस और अर्ध-सैनिक बलों के कैंप बैठाए जा रहे हैं. इसी सिलसिले में 12 मई को जनता के विरोध के बावजूद जबरन सिलंगेर में सीआरपीएफ का कैम्प लगाया गया है. इसके खिलाफ ग्रामीण शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे थे. जनता के इस विरोध को सहन न करने वाली पुलिस जनता का अमानवीय दमन कर रही है. निहत्थे ग्रामीणों पर सीधे गोलीबारी कर 3 लोगों की हत्या करने वाली पुलिस माओवादियों द्वारा हमले करने की मनगढ़त कहानी प्रचार कर रही है.

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आगे लिखा है कि हमारी पार्टी सर्व आदिवासी सामाज, सर्व सामाज, मानव आधिकार संगठनों, वाम दलों, जन पक्षधर पत्रकारों, जनवादी-प्रगतिशील बुद्धिजीवियों से दक्षिण सब जोनल ब्यूरो अपील करती है कि वे सिलंगेर गोलीबारी के विरोध में पूरे बस्तर संभाग में जगह-जगह धरना प्रदर्शन आयोजित करें. सिलंगेर सहित आदिवासी अंचलों में जनविरोध के बावजूद बैठाए गए तमाम कैम्पों को हटाने की मांग को लेकर जारी जनांदोलनों का समर्थन करे. कैम्पों के खिलाफ आवाज बुलंद करे. इस गोलीबारी के दोषी अधिकारियों खासकर सुन्दर राज पी और कमल लोचन कश्यप सहित अन्य जवानों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग करें.

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