फीचर स्टोरी। छत्तीसगढ़ में 2018 में सत्ता परिवर्तन के बाद से ही एक सुखद वातावरण यह देखने को मिला कि छत्तीसगढ़ी परंपराएं पुनर्जीवित हुई. लोगों को लगा सांस्कृतिक तौर पर अब उनका अपना राज आ गया है. बतौर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बीते ढाई सालों में इसे स्थापित करने में सफल भी रहे हैं.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जब राज्य में ‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ का नारा दिया, तो इस नारे में छत्तीसगढ़ी संस्कृति और परंपराएं पूरी तरह से नजर आई है. भूपेश सरकार ने अपनी योजनाओं में नाम से लेकर क्रियान्वयन तक में ध्यान दिया. यहाँ तक छत्तीसगढ़ के महान पुरखों को भी भरपूर सम्मान दिया.

वैसे किसी भी राज्य के विकास में खेल और संस्कृति का बड़ा योगदान होता है. छत्तीसगढ़ इस मामले में धनी राज्य रहा है. छत्तीसगढ़ से कई अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी निकले हैं. वहीं कला और संस्कृति के क्षेत्र में राज्य का डंका हमेशा से बजते रहा है. लेकिन समय के साथ इस दिशा में ज्यादा बेहतर तरीके से काम किया जाना जरूरी है. छत्तीसगढ़ की सरकार इसे बखूबी समझती भी है. लिहाजा सरकार ने इस पर जोर देकर काम भी किया है.

खेल और संस्कृति के बीच है पर्यटन. छत्तीसगढ़ एक ऐसा राज्य जहाँ पर्यटन की असीम संभवनाएं रही है. मुख्यमंत्री बघेल की कोशिश इस दिशा में बहुत ही सकारत्मक रही है. उन्होंने छत्तीसगढ़ी रंग के साथ इस पर काम करना शुरू किया है. राज्य में एक बड़ा काम इस दिशा में राम वन गमनपथ के शुरू हुआ है.

आइये आपको बताते हैं कि खेल, संस्कृति और पर्यटन के क्षेत्र में बीते ढाई सालों में भूपेश सरकार ने क्या-क्या उपलब्धियाँ हासिल की है-

खेल एवं युवा कल्याण विभाग

* छत्तीसगढ़ में खलों के समुचित विकास के लिए मुख्यमंत्री ने ’छत्तीसगढ़ खेल विकास प्राधिकरण’ का गठन किया है. प्राधिकरण के माध्यम से विभिन्न खलों की खेल अकादमियों की स्थापना व संचालन किया जाएगा.

* राज्य में खेलों के विकास हेतु वित्तीय वर्ष 2020-21 में विभागीय मान्यता प्राप्त खेल संघ एवं संस्थाओं को राशि रूपए 1.30 करोड़ की आर्थिक सहायता प्रदान् की गई है.

* वित्तीय वर्ष 2021-22 में माह जनवरी 2021 तक, विभागीय मान्यता प्राप्त खेल संघ एवं संस्थाओं को लगभग राशि रू. 70 लाख की आर्थिक सहायता प्रदान की गई है.

*रायपुर में आवासीय हाकी अकादमी प्रारंभ करने की स्वीकृति भारतीय खेल प्रधिकरण से प्राप्त हुई है। अकादमी प्रारंभ करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है.

* बहतराई बिलासपुर में खेलो इंडिया स्टेट सेंटर आफ एक्सिलेंस के तहत एथलेटिक, हाकी एवं तीरंदाजी खेल की आवासीय अकादमी प्रारंभ किया जाना प्रक्रियाधीन है.

* रायपुर एवं बिलासपुर दोनों आवासीय अकादमी में खिलाड़ियों को निःशुल्क भोजन, खेल प्रशिक्षण, छात्रवृत्ति, बीमा के साथ साथ खिलाड़ियों के शिक्षा की व्यवस्था भी की जाएगी। अकादमी के लिए खिलाड़ियों का चयन किया जा रहा है.

*वन स्टेट वन गेम के तहत तीरंदाजी की स्वीकृति छत्तीसगढ़ को प्राप्त हुई है। प्रशिक्षण कार्य एवं अधोसंरचना निर्माण संबंधी कार्यवाही प्रक्रियाधीन.

* टेनिस खेल की सुविधाओं को विकसित करने के उद्देश्य से लाभांडी रायपुर में अंतर्राष्ट्रीय मापदण्ड के टेनिस स्टेडियम एवं अकादमी भवन के निर्माण हेतु रु. 1775.20 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है। निर्माण कार्य प्रगति पर है.

*ग्राम पंचायतों एवं नगरीय निकाय वाड़ों में राजीव युवा मितान क्लब का गठन प्रस्तावित है. क्लब के लिए नवीन मद में रु. 50 करोड़ का प्रावधान किया गया है. कार्ययोजना स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है.

* प्रदेश में खेल संबंधी नीतिगत निर्णय, विभिन्न विभागों से समन्वय, खेल अधोसंरचनाओं के रख-रखाव तथा आवासीय खेल अकादमी के संचालन हेतु छत्तीसगढ़ खेल विकास प्राधिकरण का गठन किया गया है। प्राधिकरण के लिए स्थापना व्यय हेतु रु. 60 लाख का प्रावधान किया गया है। सेटअप स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है.

* नवगठित जिला गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में जिला खेल कार्यालय स्थापित करने हेतु प्रावधान किया गया है। कार्यालय स्थापना की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है.

* प्रदेश में पहली बार छत्तीसगढ़ी परंपरा को जीवंत रुप प्रदान करने के उद्देश्य से गढ़वो नवा छत्तीसगढ़ की थीम पर प्रदेश भर में युवा कलाकारों को कला के प्रदर्शन हेतु वृहद स्तर पर मंच उपलब्ध कराया गया, दिनांक 12 से 14 जनवरी 2020 के मध्य युवा महोत्सव का आयोजन किया गया. प्रतिवर्ष युवा महोत्सव के आयोजन हेतु रु. 5 करोड़ का प्रावधान किया गया है.

* मुख्यमंत्री खिलाड़ी प्रोत्साहन योजना हेतु रु. 1 करोड़ का प्रावधान किया गया है। बिलासपुर में नव निर्मित सिंथेटिक हाकी मैदान का लोकार्पण माननीय मुख्यमंत्रीजी द्वारा की गई है. स्टेडियम का नामकरण श्स्व. बी.आर.यादव हाकी स्टेडियमश् किया गया है.

* दुर्ग में जूडो अकादमी भवन निर्माण की स्वीकृति राज्य शासन द्वारा जारी की गई है। खेल अकादमी संचालन हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है.

* जशपुर में सिंथेटिक टर्फ के हाकी मैदान के निर्माण हेतु राशि रू.5 करोड़ की स्वीकृति भारत सरकार से प्राप्त हुई है। निर्माण कार्य प्रगति पर है.

* महासमुंद में राशि रू. 6.60 करोड़ की लागत से सिंथेटिक एथलेटिक ट्रैक निर्माण की स्वीकृति भारत सरकार में प्राप्त हुई है। निर्माण हेतु आवश्यक कार्यवाही प्रक्रियाधीन है.

* अम्बिकापुर जिला सरगुजा में राशि रू. 4.50 करोड़ की लागत से मल्टीपरपज इण्डोर हाल के निर्माण की स्वीकृति भारत सरकार से प्राप्त हुई है. निर्माण हेतु आवश्यक कार्यवाही प्रक्रियाधीन है.

* इंदिरा प्रियदर्शनी स्टेडियम जगदलपुर, बस्तर में राशि 5 करोड़ लागत की सिंथेटिक टर्फ फुटबाल मैदान गाथ ही रनिंग ट्रेक निर्माण की स्वीकृति भारत सरकार से प्राप्त हुई है.

पर्यटन एवं संस्कृति विकास

* ट्राइबल टूरिज्म सर्किट के अंतर्गत पिछले तीन महीने में ईको रिसॉर्ट कुरदर (जिला बिलासपुर), बैगा एथनिक रिसॉर्ट सरोधा दादर (जिला कबीरधाम), धनकुल एथनिक रिसॉर्ट (जिला कोंडागांव), सरना एथनिक रिसॉर्ट बालाछापर (जिला जशपुर), कोईनार हाईवे ट्रीट कुनकुरी (जिला जशपुर), हिल मैना हाईवे ट्रीट नथियानवागांव (जिला कांकेर), सतरेंगा बोट क्लब एंड रिसॉर्ट (जिला कोरबा) और साइट अमेनिटी महेशपुर (जिला सरगुजा) का लोकार्पण.

* छत्तीसगढ़ सरकार की विशेष पहल पर मां बम्लेश्वरी मंदिर डोंगरगढ़ को धार्मिक स्थल के रूप में विकसित करने और सौंदर्यीकरण के लिए भारत सरकार की प्रसाद योजना के तहत मिली 43 करोड़ 33 लाख रुपए की स्वीकृति. अब डोंगरगढ़ का नाम देश के पर्यटन नक्शे में शामिल.

* प्रदेश के सभी जिलों में पारंपरिक छत्तीसगढ़ी खान-पान एवं व्यंजनों के लिए गढ़कलेवा की शुरुआत.

* डॉ. नरेंद्र देव वर्मा लिखित छत्तीसगढ़ी गीत अरपा पैरी के धार राज्यगीत घोषित। 18 नवंबर 2019 को छत्तीसगढ़ राजपत्र में इसी अधिसूचना प्रकाशित.

* हरेली, तीजा, छठ, कर्मा जयंती और विश्व आदिवासी दिवस पर सामान्य अवकाश घोषित.

खेल, संस्कृति और पर्यटन पर जिस सोच के साथ भूपेश सरकार काम कर रही है वह इस ओर इंगित करती है, राज्य की गौरव, अस्मिता, पहचान सबकुछ पुरखों के सम्मान के साथ कायम रहे. छत्तीसगढ़ को पूरे विश्व में उसकी सांस्कृतिक, भाषाई अस्मिता और परंपराओं के साथ जाना जाए. वास्तव में आज छत्तीसगढ़ इसी रूप में, नए स्वरूप में, गढ़ रहा है…आगे बढ़ रहा है. भगवान करे ये और बढ़े, बढ़ता ही रहे कामयाबी के शिखर चढ़ता रहे.