इस्लामाबाद। पाकिस्तान में माता-पिता अपनी बेटियों की कब्रों पर ताला लगा रहे हैं. ताकि उन्हें बलात्कार से बचाया जा सके. नेक्रोफिलिया के बढ़ते मामलों के बीच सोशल मीडिया पर कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं और लेखकों ने इस मुद्दे को उजागर किया है.

“द कर्स ऑफ गॉड, व्हाई आई लेफ्ट इस्लाम” पुस्तक के लेखक हैरिस सुल्तान ने इस घृणित कार्य को उजागर करते हुए इसके लिए कट्टरपंथी इस्लामवादी विचारधारा को दोषी ठहराया. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि “पाकिस्तान ने इतना कामुक, यौन कुंठित समाज बनाया है कि लोग अब अपनी बेटियों की कब्र पर ताला लगा रहे हैं ताकि उनका बलात्कार न हो सके. जब आप बुर्के को बलात्कार से जोड़ते हैं, तो यह आपके पीछे-पीछे कब्र तक जाता है.”

https://twitter.com/TheHarrisSultan/status/1651190252395180035

एक अन्य ट्विटर यूजर साजिद युसूफ शाह ने लिखा कि “पाकिस्तान द्वारा बनाए गए सामाजिक माहौल ने एक यौन आरोपित और दमित समाज को जन्म दिया है, जहां कुछ लोगों ने यौन हिंसा से बचाने के लिए अपनी बेटी की कब्र पर ताला लगाने का सहारा लिया है. बलात्कार और एक व्यक्ति के कपड़ों के बीच ऐसा संबंध केवल दुःख और निराशा से भरे मार्ग की ओर ले जाता है.”

समाचार एजेंसी ने बताया कि पाकिस्तान में नेक्रोफिलिया का अब तक का सबसे भयानक उदाहरण 2011 में सामने आया, जब उत्तरी नजीमाबाद, कराची के कब्रों की सुरक्षा करने वाले मुहम्मद रिजवान नाम के शख्स को कब्र में दबी 48 महिलाओं की लाशों के साथ बलात्कार करने की बात स्वीकार करने के बाद हिरासत में लिया गया था.

मई 2022 में कुछ अज्ञात लोगों ने पाकिस्तान के गुजरात के चक कमला गांव में एक किशोरी की लाश को खोदकर निकाला और उसके साथ बलात्कार किया. यह उसी शाम हुआ जब मृत बच्ची के शव को दफना दिया गया.

रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि नेक्रोफिलिया में बड़े पैमाने पर वृद्धि को देखते हुए, किसी ओर से मदद नहीं मिलते देख अब मां-बाप अपनी बच्चियों के शवों की पवित्रता को सुनिश्चित करने के लिए उनकी कब्रों पर ताला लगाने लगे हैं. पाकिस्तान के राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अनुसार, 40 प्रतिशत से अधिक पाकिस्तानी महिलाओं ने अपने जीवनकाल में कम से कम एक बार किसी न किसी रूप में हिंसा का अनुभव किया है.

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