काबुल। अफगानिस्‍तान में तालिबान के सत्ता में काबिज होने के बाद भी बम धमाकों में कमी नहीं आ रही है. राजधानी काबुल में सोमवार को रूस के दूतावास के बाहर ब्‍लास्‍ट हुआ है, जिसमें कम से कम 20 लोगों के मारे जाने की खबर है. इसके अलावा अनेक लोग घायल हुए हैं, जिनमें दो रूसी राजनयिकों के भी शामिल होने की बात सामने आ रही है. घटना पर तालिबान सरकार की ओर से कोई बयान नहीं जारी किया गया है.

आत्मघाती हमलावर का निशाना रूसी दूतावास में वीजा के लिए लाइन लगाए लोग थे. बताया जा रहा है कि जिस समय रूस के एक राजनयिक बाहर वीजा कैंडीडेट का नाम पुकार रहे थे, उसी दौरान हमलावर ने ब्‍लास्‍ट किया. ब्‍लास्‍ट इतना शक्तिशाली था कि आसपास के घरों की खिड़कियों के कांच टूट गए. दरअसल, काबुल में तालिबान सरकार के सत्तासीन होने के सालभर बाद भी लोगों में देश के भविष्य को लेकर विश्वास पैदा नहीं हो पाया है. ऐसे में पहला मौका मिलते ही लोग देश छोड़कर भागना चाह रहे हैं. यही वजह है कि रूस में हालात सामान्य नहीं होने के बाद भी वीजा लेने के लिए बड़ी संख्या में लोग आवेदन दे रहे हैं.

2016 में भी हुआ धमाका

अफगानिस्‍तान स्थित रूसी दूतावास के करीब साल 2016 में भी ब्‍लास्‍ट हुआ था. उस समय कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई थी, और 20 से ज्‍यादा लोग घायल हो गए थे. तालिबान के अफगानिस्तान में सत्ता संभालने के बाद स्थिति सामान्य होने की उम्मीद जताई गई थी, लेकिन वह भी अब दूर की कौड़ी साबित हो रही है. शुक्रवार को हेरात प्रांत में एक बम धमाका हुआ था, जिसमें एक अफगानी मौलवी के साथ ही कुछ और लोग मारे गए थे. इससे पहले इसी महीने में मस्जिद में एक और धमाका हुआ था, जिसमें 21 लोगों की मौत हो गई थी और 30 लोग घायल हो गए थे.

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