कुमार इंदर, जबलपुर। कोर्ट से पांच साल की सजा सुनाए जाने के बाद से भगोड़ा घोषित अमित खम्परिया को पुलिस ने चार महीने बाद ही सही आखिरकार गिरफ्तार कर लिया है। अमित को मंडला पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
बता दें कि, कोर्ट से भगौड़ा घोषित होने के बाद आरोपी खम्परिया पुलिस के लिए चुनौती बन गया था। आरोपी खम्परिया को उस वक्त गिरफ्तार किया गया जब वह अपने पिता से मिलने उमरिया जा रहा था। पुलिस अमित की पहले से ही लोकेशन ट्रेस कर रही थी, जैसे ही पुलिस को अमित की लोकेशन ट्रेस हुई पुलिस ने तुरंत घेराबंदी करते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया।

क्या है पूरा मामला?
बता दें कि 10 साल पुराने मामले में नैनपुर अपर सत्र न्यायालय ने 2011 -12 में टोल का ठेका चलाने वाले संजीवनी नगर जबलपुर निवासी अमित खम्परिया, उमेश पांडेय, अनिरुद्ध सिंह ,रामजी दिवेदी एवं दशरथ तिवारी ने अपने कर्मचारियों रज्जन ठाकुर, अमित पांडेय, श्रीकांत शुक्ला शनि ठाकुर एवं अजय वाल्मीक को पथकर वसूली के लिए नियुक्त किया गया था।

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इन सभी आरोपियों ने साजिश के तहत कान्हा टाइगर रिजर्व में आने वाले लोगों से दो से तीन गुना तक कर वसूली की और मॉर्कर का उपयोग कर रसीदों में भी छेड़छाड़ कर काली स्याही से कूटरचित रसीदे बनाई। इस प्रकरण में लंबी सुनवाई के बाद न्यायालय ने आरोपियों को दोषी पाया और सजा सुनाई थी।

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