नई दिल्ली. सरकारी बैंक बाबुओं के लिए अच्छी खबर नहीं है. अब उनकी ऊपरी कमाई बंद होने जा रही है. जल्द ही उनकी वह कमाई बंद हो जाएगी जो उनकी सैलरी के अलावा होती थी. क्योंकि सरकार का मानना है कि क्रॉस सेलिंग प्रोडक्ट्स पर बैंक बाबुओं को मिलने वाले कमीशन बंद कर देना चाहिए. इस संबंध में सरकार की तरफ से सभी बैंकों के चीफ को पत्र भेज दिया गया है. इस कमीशन को सरकार बैंक के खाते में डालना चाहती है ताकि बैंक की इनकम बढ़े. क्रॉस सेलिंग प्रोडक्ट्स में इंश्योरेंस और म्युच्युल फंड जैसे प्रोडक्ट शामिल होते हैं जिसे सरकारी बैंक के बाबु इन दिनों धड़ल्ले से बेच रहे हैं. बकायदा उन्हें क्रॉस सेलिंग प्रोडक्ट का टारगेट दिया जाता है.

क्यों नहीं देना चाहती है सरकार कमीशन
बैंक प्रमुखों को वित्त मंत्रालय की तरफ से भेजी गई चिट्ठी में कहा गया है कि बैंक के स्टाफ फुल टाइम के वर्कर हैं और उन्हें इसके बदले निर्धारित सैलरी दी जाती है. इसलिए उन्हें अलग से कमीशन देने की जरूरत नहीं है. इस कमीशन को बैंक के खाते में डाला जाना चाहिए. मंत्रालय ने कहा है कि ऐसा देखा गया है कि कई बार क्रॉस सेलिंग प्रोडक्ट के टारगेट को पूरा करने के लिए बैंककर्मी अपने मूल काम को इगनोर करते हैं. बैंक यूनियन की तरफ से क्रास सेलिंग प्रोडक्ट्स को लेकर कई बार सरकार से शिकायत की जा चुकी है. यूनियन का कहना है कि बैंक बाबुओं को लोन देने और लोन की रिकवरी जैसे काम पर फोकस करना चाहिए, लेकिन वे अपना फोकस क्रास सेलिंग प्रोडक्ट्स पर रखते हैं.

बैंक को हो सकता है फीस का नुकसान
बैंक बाबुओं का कहना है कि इससे बैंक को फीस के रूप में होने वाली इनकम का नुकसान हो सकता है. प्राइवेट बैंक अपने स्टाफ को थर्ड पार्टी प्रोडक्ट बेचने के बदले काफी इंसेंटिव देते है, इससे उनके बिजनेस में बढ़ोतरी होगी. देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने गत वित्त वर्ष में फीस से अपनी इनकम में 10 फीसदी की बढ़ोतरी की थी. गत्त वित्त वर्ष में क्रास सेलिंग प्रोडक्ट्स से स्टेट बैंक ने 1631 करोड़ रुपये की कमाई की. स्टेट बैंक के क्रास सेलिंग प्रोडक्ट्स में एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस, एसबीआई म्युच्युल फंड, एसबीआई जनरल, एसबीआई कार्ड्स, एसएसएल व एनपीएस शामिल हैं.