रायपुर. मां और बच्चे का ऐसा रिश्ता होता है जिसे कोई तोड़ नहीं सकता. लेकिन कभी-कभी भगवान कुछ ऐसा कर देता है कि नौमत मां बेटे के बिछड़ने की आ जाती है और गरीबी अगर साथ हो तो बहुत मुश्किल हो जाता है कि अपने जिगर के टुकड़े को बचाया जा सके. पर इस बार हकीकत में ऐसा हुआ है. दरअसल कोरिया जिले के ग्राम रामपुर (पटना) निवासी एक बेहद ही गरीब परिवार के बच्चे को बचपन से ही किडनी की बिमारी थी. जिसको लेकर वे काफी परेशान थे. इसी बीच उन्होंने सरकार से गुहार लगाई और सरकार ने भी मामले को संज्ञान में लेते हुए तुरंत गरीब परिवार की मदद की.

दरअसल मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और श्रम मंत्री भईयालाल राजवाड़े की विशेष पहल तथा केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री  जे.पी. नड्डा से मिली 14 लाख रूपए की मदद के फलस्वरूप कोरिया जिले की पटना निवासी एक गरीब श्रमिक परिवार के चार वर्षीय नन्हें बच्चे आश्विन को नया जीवन मिल गया है.

इस नन्हें बच्चे का लीवर प्रत्यारोपण सोमवार को नई दिल्ली के इंस्टीट्यूट ऑफ लीवर एण्ड बिलयारी सांईस में सफलतापूर्वक किया गया. उसकी मां ने अपने जिगर के टुकडे को बचाने के लिए स्वयं का एक लीवर प्रत्यारोपण के लिए दियाह है. बच्चे के माता-पिता सुनीता साहू और  राजपाल साहू गांव में रोजी-मजदूरी करके जीवन-यापन करते हैं. अपनी आंखों के तारे को स्वस्थ देखकर आज वे काफी प्रसन्न हैं.

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने जे.पी. नड्डा को पत्र लिखकर इस बच्चे का निःशुल्क इलाज करवाने का आग्रह किया था. नड्डा के निर्देश पर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा बच्चे के लीवर प्रत्यारोपण के लिए राष्ट्रीय आरोग्य निधि से 14 लाख रूपए (चौदह लाख रूपए) की धन राशि तत्काल मंजूर कर दी गई और यह राशि अस्पताल को दी गई. अपने जिगर के टुकडे की जिन्दगी बचाने के लिए उसकी मां सुनीता साहू ने अपना लीवर दिया, जिसका डॉक्टरों ने सफल प्रत्यारोपण किया है.

सीएम से की मुलाकात..

नन्हें बालक के माता-पिता  सुनीता साहू और राजपाल साहू काफी गरीबी की हालत में गांव में जीवन-यापन कर रहे थे. बच्चे को जन्म से ही लीवर की बीमारी थी. डॉक्टरों ने जब उनके बेटे के लीवर ट्रांसप्लांट की जरूरत बताई तो भारी भरकम खर्च को लेकर वे काफी चिंतित हो गए. दिल्ली और लखनऊ के चक्कर लगाकर उनकी रही-सही पूंजी भी खत्म हो गई.
इस बीच मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह कुछ महीने पहले जब कोरिया जिले के प्रवास पर थे, तो इस गरीब माता-पिता ने अपने बच्चे की जान बचाने के लिए उनसे मुलाकात की. मुख्यमंत्री ने संजीवनी कोष से बच्चे की प्रारंभिक डॉक्टरी जांच के लिए तत्काल एक लाख 50 हजार रूपए मंजूर कर दिए. रमन सिंह ने बच्चे के लीवर प्रत्यारोपण में मदद के लिए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री  जे.पी. नड्डा को तुरंत चिट्ठी लिखी. साथ ही उन्होंने श्रम मंत्री और बैकुण्ठपुर के विधायक भईयालाल राजवाड़े को बच्चे के इलाज के लिए आगे की कार्रवाई पूर्ण करने की जिम्मेदारी दी.

राजवाड़े ने दिया है आश्वासन..

राजवाड़े ने अपनी ओर से सक्रिय पहल करते हुए इस गरीब परिवार को दिल्ली में इलाज के लिए रहने की सुविधा दिलायी. सुनीता और राजपाल साहू अपने बच्चे के इलाज के लिए दिल्ली के बसंत कुंज में किराए के मकान में लगभग ढाई महीने से निवास कर रहे हैं. रविवार को  हुए सफल ऑपरेशन पर मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और श्रम मंत्री श्री राजवाड़े ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए बच्चे के स्वस्थ और सुखी जीवन की कामना की है. डॉक्टरों के अनुसार लीवर प्रत्यारोपण के बाद बच्चे की दवाईयों आदि पर लगभग दस लाख रूपए का खर्च संभावित है. श्रम मंत्री  राजवाड़े ने यह खर्च अपनी ओर से वहन करने का आश्वासन दिया है.