रायपुर। कोरोना संकट में देश के 177 विश्वविद्यालय अभी तक तय ही नहीं कर पाये हैं कि वे परीक्षा आयोजित करना चाहते हैं कि नहीं. यह उहापोह अंतिम वर्ष की परीक्षा को लेकर है. यूजीसी ने इस संबंध में विश्वविद्यालयों से संपर्क किया है.

कोरोना संक्रमण के बीच यूजीसी (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ) की नई गाइडलाइंस आने के बाद देश के तमाम विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है. यूजीसी ने गुरुवार को परीक्षाओं के आयोजन की स्थिति बताने के लिए विश्वविद्यालयों से संपर्क किया गया था. अब तक 640 विश्वविद्यालयों का जवाब मिला है. इनमें से 454 विश्वविद्यालय या तो परीक्षा करा चुके हैं या आयोजित करने की योजना बना रहे हैं. वहीं 177 विश्वविद्यालयों का परीक्षाओं पर फैसला करना बाकी है.

यूजीसी की गाइडलाइंस के मुताबिक तमाम विश्वविद्यालयों के लिए 30 सितंबर तक स्नातक और स्नातकोत्तर के अंतिम वर्ष/सेमेस्टर की परीक्षाएं कराना जरूरी है. इस गाइडलाइंस के बाद तमाम विश्वविद्यालयों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है. कोरोना के संकट को देखते हुए दिल्ली, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र, ओडिशा, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल ने विश्वविद्यालयों में परीक्षाएं रद्द कर दी है.

यूजीसी ने राज्यों से अपने यहां के सभी विश्वविद्यालयों के अंतिम वर्ष के छात्रों की परीक्षाएं आयोजित करने को कहा है. क्योंकि ऐसा नहीं करने पर छात्रों डिग्री की वैधता पर सवाल खड़ा हो जाएगा. इसके लिए विश्वविद्यालयों को ऑनलाइन या फिर ऑफलाइन से परीक्षाएं आयोजित करने की छूट दी गई है.