लखनऊ। पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने डीजीपी एच. सी. अवस्थी को पत्र लिखकर अपने अनिवार्य सेवानिवृति के आदेश को प्राप्त कराए जाने के तरीके पर गहरी आपत्ति जताई है.

अमिताभ ठाकुर ने कहा कि वे इस आदेश से पूर्णतया असहमत हैं. इसका विधिक अध्ययन कर रहे हैं, किंतु जिस ढंग से यह आदेश उन्हें प्राप्त कराया गया, वह भी स्पष्टतया आपत्तिजनक था. उन्होंने कहा कि यह आदेश ऐसा नहीं था जिसे गिरफ़्तारी वारंट की तरह गुपचुप, सीक्रेट ढंग से पालन करवाने की जरुरत थी.

उन्होंने कहा कि डीजीपी उन्हें ऑफिस में बुला कर आसानी से इसका पालन करा सकते थे और उनके अच्छे भविष्य की कामना के दो बोल बोलकर विदा कर सकते थे. इसके विपरीत उनके साथ चोरों एवं अपराधियों जैसा व्यवहार करते हुए एक अफसर को “परम गोपनीय सील्ड कवर” लिफाफा लेकर “सीक्रेट” ढंग से उनके ऑफिस भेजा गया, ताकि आदेश प्राप्त करने में कोई गड़बड़ न कर दी जाए.

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अमिताभ ने कहा कि उन अफसर के आने से काफी पहले उन्हें इस आदेश की जानकारी हो गई थी और वे आसानी से धीरे से ऑफिस छोड़ कर जा सकते थे, किन्तु उन्होंने ऐसा नहीं किया तथा तत्काल आदेश प्राप्त किया. उन्होंने कहा कि उन्हें अनावश्यक रूप से किये गए इस व्यवहार का हमेशा मलाल रहेगा.

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