लखनऊ. राजधानी लखनऊ में बढ़ते एक्टिव केस लगातार बढ़ते जा रहे हैं. लेकिन शासन-प्रशासन की व्यवस्था पूरी तरह से फेल हो गई गई. मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद 30 मार्च के मुकाबले 18 अप्रैल तक 6.85 गुना बेड बढ़े हैं, लेकिन इसी अवधि में एक्टिव केस की संख्या 15.29 गुना बढ़ गई है. वर्तमान में तैयार बेडों की कुल संख्या 4918 है, जबकि एक्टिव केस 9.69 गुना यानी 47700 है. इस प्रकार बदहाली देखी जा रही है. अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन की कमी से मरीज परेशान है.

लखनऊ में मरीजों की संख्या बहुत स्पीड के साथ बढ़ती जा रही है. यहां एक दिन में औसतन साढ़े पांच हजार मरीज मिल रहे हैं. हालत यह है कि सरकारी और निजी अस्पतालों में मरीजों को जगह नहीं मिल पा रही है. बड़ी संख्या में लोग होम आइसोलेशन में हैं.

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बिगड़े हालात को देखते हुए मुख्यमंत्री के निर्देश पर सप्ताह भर के अंदर 5000 से अधिक अतिरिक्त बेड के इंतजाम की रणनीति बनाई गई. लेकिन सात अप्रैल से 18 अप्रैल तक कुल 2693 बेड ही बढ़ सके हैं, जबकि इसी समय में 38848 एक्टिव केस बढ़े हैं.

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