लखनऊ। उत्तर प्रदेश कैडर के सीनियर IPS अधिकारी अमिताभ ठाकुर को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने तत्काल रिटायर कर दिया है. इस पर अमिताभ ठाकुर ने ट्वीट कर कहा कि सरकार को मेरी सेवाएं नहीं चाहिए. उन्होंने भारत सरकार के आदेश को भी सोशल मीडिया में शेयर किया है. इनके अलावा दो अन्य आईपीएस अधिकारीयों को भी समय से पहले हटाया गया हैं.

ठाकुर ने अनिवार्य सेवानिवृत्ति संबंध पत्र मिलने पर ट्वीट कर कहा, मुझे अभी-अभी वीआरएस (लोकहित में सेवानिवृति) आदेश प्राप्त हुआ. सरकार को अब मेरी सेवाएं नहीं चाहिए. जय हिंद!

आदेश पत्र पर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी के हस्ताक्षर है. आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने पत्र को शेयर करते हुए लिखा है, अमिताभ ठाकुर को लोकहित में सेवा में बनाए रखे जाने के उपयुक्त न पाते हुए लोकहित में तात्कालिक प्रभाव से पूर्व सेवा निवृत्त किए जाने का निर्णय लिया गया है.

केंद्रीय गृह मंत्रालय के जारी पत्र में लिखा है कि सीनियर आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर 17 मार्च 2021 आईआर-1929 को लोक सेवा में बनाए रखे जाने के उपयुक्त न पाते हुए, अखिल भारतीय सेवाएं (डीसीआरबी) नियमावली-1958 के नियम 16 के उप नियम-3 के अंतर्गत लोक हित में तत्काल प्रभाव से सेवा पूर्ण होने से पूर्व सेवा निवृत्त किए जाने का निर्णय लिया है.

बता दें कि गृह मंत्रालय की स्क्रीनिंग में अमिताभ ठाकुर के अलावा दो अन्य आईपीएस भी सेवा निवृत्त हुए हैं. सरकार का कहना है कि तीनों को सरकारी सेवा के लिए अनुपयुक्त पाया गया है. इसलिए अनिवार्य सेवनिवृत्ति दी गई है. अमिताभ ठाकुर ( आईजी रूल्स एवं मैनुअल) तमाम मामलों में जांचें चल रहीं थी.

राजेश कृष्ण ( सेना नायक 10 बटालियन बाराबंकी) आज़मगढ़ में पुलिस भर्ती में घोटाले का आरोप है. राकेश शंकर ( डीआईजी स्थापना) देवरिया शेल्टर होम प्रकरण में संदिग्ध भूमिका के आरोप थे. तीनों आईपीएस पर अनियमित्ता के आरोप थे.

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