लखनऊ. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में जीवनरक्षक रेमडेसिविर इंजेक्शन कोरोना मरीजों के लिए मुफ्त देने के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी नहीं है.

हर दिन इसकी आपूर्ति बढ़ रही है. जिलों की मांग को देखते हुए रेमेडेसिविर के पर्याप्त वॉयल उपलब्ध कराए जा रहे हैं. सरकारी अस्पतालों में यह इंजेक्शन निःशुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है. जरूरत हो तो निजी अस्पतालों को भी रेमडेसिविर मुहैया कराई जाए. इसके लिए जिला प्रशासन को अतिरिक्त रेमडेसिविर उपलब्ध कराई गई है.

टेस्ट हो या ट्रीटमेंट, राज्य सरकार ने सभी के लिए शुल्क की दरें तय की हैं. इससे अधिक शुल्क नहीं लिया जा सकता. अगर कहीं नियत शुल्क से अधिक की वसूली की घटना हो तो तत्काल दोषियों के खिलाफ महामारी एक्ट के अंतर्गत कार्रवाई की जाए. सभी जिलों में इसे प्रभावी ढंग से लागू किया जाए.

4 करोड़ से अधिक टेस्ट

उत्तर प्रदेश में अब तक 4 करोड़ से अधिक टेस्ट हो चुके हैं, यह देश में किसी एक राज्य में किया गया सर्वाधिक टेस्ट हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी प्रयोगशालाओं की टेस्टिंग क्षमता दोगुनी करने की कार्रवाई तेज की जाए क्वालिटी टेस्टिंग सुनिश्चित कराएं. कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग को और बेहतर किए जाने की जरूरत है. आरआरटी की संख्या बढ़ाएं. इसमें आंगनबाड़ी-आशा कार्यकत्रियों को भी जोड़ा जाए. बिना ट्रेसिंग के हम कोविड पर प्रभावी नियंत्रण नहीं कर सकते.

कोरोना मरीज का इलाज का भुगतान करेगी सरकार

सीएम योगी ने निर्देश दिया कि इंटोग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर को सभी जिलों में प्रभावी बनाया जाए. आइसीसीसी के संपर्क नंबर बेहतर ढंग से प्रचारित-प्रसारित किए जाएं. हर कंट्रोल रूम 24×7 अलर्ट मोड में रहे. लोगों की समस्याओं का यथोचित निराकरण कराएं. मुख्य सचिव कार्यालय और मुख्यमंत्री कार्यालय स्तर से इसकी मॉनिटरिंग की जाए. हर कोविड अस्पताल प्रत्येक दिन में दो बार अपने रिक्त बेड्स का विवरण सार्वजनिक करे. कोई भी सरकारी या निजी अस्पताल बेड उपलब्ध होने पर कोविड पॉजिटिव मरीज को भर्ती के लिए मना नहीं कर सकता है. यदि सरकारी अस्पताल में बेड उपलब्ध नहीं है, तो संबंधित अस्पताल उसे निजी चिकित्सालय में रेफर करेगा. निजी हॉस्पिटल में मरीज भुगतान के आधार पर उपचार कराने में यदि सक्षम नहीं होगा, तो ऐसी दशा में राज्य सरकार आयुष्मान भारत योजना के तहत अनुमन्य दर पर वहां उसके इलाज का भुगतान करेगी.

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ऑक्सीजन की जा रही है ऑडिट

मुख्यमंत्री ने कहा कि होम आइसोलेशन में इलाजरत मरीजों से सीएम हेल्पलाइन 1076 के माध्यम से हर दिन संवाद बनाया जाए. उन्हें न्यूनतम एक सप्ताह की अवधि के लिए मेडिकल किट उपलब्ध कराया जाए. स्वास्थ्य मंत्री के स्तर से मेडिकल किट वितरण व्यवस्था की जिलेवार समीक्षा की जाए. सीएमओ की जवाबदेही तय की जाए. दवाओं का कोई अभाव नहीं है. अस्पतालों में इलाजरत मरीजों से हर दिन संवाद बनाया जाए. सभी जिलों के प्रत्येक छोटे-बड़े अस्पताल की स्थिति पर नजर रखी जाए. जिसे भी जरूरत होगी, ऑक्सीजन जरूर मुहैया कराई जाए. ऑक्सीजन के सुचारु आपूर्ति-वितरण के लिए प्रदेश के सात संस्थाओं के माध्यम से ऑक्सीजन की ऑडिट भी कराई जा रही है.