सदफ हामिद,भोपाल। मध्य प्रदेश पंचायत चुनाव को निरस्त कर दिया गया है. अब चुनाव नहीं होंगे. लेकिन इस पर सियासत नहीं थम रही है. राज्यसभा सांसद व वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने मप्र में दोबारा जल्द से जल्द चुनाव कराने की मांग कर दी है. वहीं पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर शिवराज सरकार पर साधा निशाना है. उन्होंने कहा कि उम्मीदवारों की तरफ से पंचायत चुनाव में खर्च किए गए खर्च कौन लौटाएगा.

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राज्यसभा सांसद व वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने ट्वीट कर लिखा है कि पंचायत चुनाव प्रक्रिया मप्र में रद्द हुई. इसके पूर्व अध्यादेश रद्द हुआ. यह संविधान की जीत है. भाजपा ने पूरी ताक़त से मुझे अटैक किया, मगर बड़ा सा बड़ा अटैक सत्य के सामने परास्त हो जाता है. अब शीघ्र अति शीघ्र मप्र सरकार क़ानून अनुरूप सामाजिक न्याय के साथ चुनाव सम्पन्न कराए.

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर लिखा है कि अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए भाजपा के मुख्यमंत्री शिवराज उर्फ़ मामा उर्फ़ मामू ने क़ानून का पालन ना करते हुए चुनाव करवाने का निर्णय लिया, जिसे न्यायालय ने निरस्त कर दिया. हज़ारों उम्मीदवारों ने अपनी बकाया राशि यहाँ तक उनके बाप दादा के समय की बकाया राशि जमा कर दी. कोविड के कारण जो बिजली की दरों में छूट दी गई थी. मामू गेंग ने वह भी वसूल कर ली. चुनाव लड़ने के लिए जो राशि जमा की गई वह लौटाने का निर्णय उचित है.

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दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर सवाल पूछा है कि उम्मीदवारों ने अपने प्रतिद्वंद्वियों का फ़ॉर्म वापस कराने में जो पैसा खर्च किया उसे कौन वापस करेगा ? जिन्होंने प्रचार में गाड़ियॉं लगाईं पोस्टर पेम्फलेट छपाए उसका खर्च कौन लौटाएगा ? क्या इन सभी पीड़ित उम्मीदवारों को स्थानीय भाजपा नेताओं से हर्जाना नहीं माँगना चाहिए ? ज़रूर मांगना चाहिए. केवल भाजपा सरकार के गलत निर्णय के कारण उनका इस महंगाई में हज़ारों लाखों रुपए खर्च हुए हैं.

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