रायपुर। छत्तीसगढ़ एटीएस और रायपुर पुलिस ने अवैध टेलीफोन एक्सचेंज सेट-अप का उपयोग कर ठगी की वारदात करने वाले एक बड़े अंतर्राष्ट्रीय गिरोह का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने इस मामले में 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किए गए आरोपी नामी गिरामी टेलीफोन कंपनियों  टाटा, एयरटेल, रिलायंस और एमटीएस में कार्य करते थे.

इनमें से 5 आरोपी मुंबई से और 3 दिल्ली से गिरफ्तार किए गए हैं. पुलिस ने आरोपियों के पास से 10 टेलीफोन एक्सचेंज सेट-अप(सिम बॉक्स) बरामद किया है. आतंकवादी देश विरोधी गतिविधियां और आतंकी घटनाएं संचालित करने के लिए ऐसे ही सिम सेट-अप बॉक्स का इस्तेमाल करते हैं. और इनका इस्तेमाल कर भारतीय दूसंचार नियामक प्राधिकरण को भी आर्थिक क्षति पहुंचाई है.

क्या है मामला

आपके मोबाइल में भी अज्ञात मोबाइल नंबरों से लाखों करोड़ों रुपए की लॉटरी लगने के फर्जी कॉल आते होंगे. ऐसे ही एक मामले में रायपुर के एक व्यक्ति के साथ हुई ठगी के मामले में छत्तीसगढ़ एटीएस ने जांच शुरु की और एक बड़े फर्जीवाड़े का परत दर परत खुलासा होता चला गया.

एटीएस की जांच में अवैध रुप से टेलीफोन एक्सचेंज संचालित करने की जानकारी आई तो अधिकारियों के कान खड़े हो गए और एटीएस व पुलिस की जंबो टीम इस मामले के तह में जाने के लिए लगा दिया गया. 40 सदस्यीय दो टीम मुंबई और दिल्ली जाकर इस पूरे मामले की जांच में लग गई. जांच के दौरान पुलिस ने स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर अवैध टेलीफोन एक्सचेंज सेट-अप बॉक्स संचालित करने वाली जगहों में दबिश देकर मुंबई से 5 और दिल्ली से 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके पास से 10 सिम बॉक्स बरामद किया.

ऐसे करते थे काम

सिम बॉक्स इंडियन गेटवे को बाईपास कर देता और एक अवैधानिक गेटवे बनाकर विदेशों से आने वाले सारे कॉल को सिम बॉक्स में विशेष स्विच vos 3000 की मदद से परिवर्तित कर देता है. इसके साथ ही विदेशी नंबर को भारतीय नंबर में भी बदल तेता है. यह सिम बॉक्स 8, 16, 32, 64 स्लॉट का होता है. जिसमें एक साथ इतनी संख्या में सिम इंस्टाल रहता है.

यह गिरोह चाइना की स्काई लाइन कंपनी के प्रोडक्ट सिम बॉक्स और सिम बैंक को ऑन लाइन शॉपिंग एप्लीकेशन अली बाबा के माध्यम से खरीदते थे. आरोपियों द्वारा इस्टाल किए गए सिम बॉक्स का सर्वर चाइना में है. आरोपियों को इसे संचालित करने के लिए विदेशी करेंसी का भुगतान एरिस नाम का एक व्यक्ति करता था. आरोपियों को एरिस द्वारा 1 कॉल पर प्रति मिनट 13 पैसा दिल्ली में और 16 पैसा मुंबई में भुगतान किया जाता था.