प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के बारे में बहुत कुछ सामने आया है. ED की 4 साल की जांच के बाद बनाए गए डोजियर में PFI के सैकड़ों सदस्यों और कार्यालयों को केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, दिल्ली, राजस्थान, महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिम बंगाल, असम, जम्मू और मणिपुर में सूचीबद्ध किया गया है.
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ED के डोजियर के अनुसार, जुलाई 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की असफल कोशिश के बाद, संगठन को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत प्रतिबंधित कर दिया गया था. जांच में पता चला है कि संगठन सिंगापुर सहित पांच खाड़ी देशों में कम से कम 13,000 लोगों से धन जुटाता है, जो हवाला के माध्यम से भारत भेजा जाता है, फिर धन को ट्रस्टों और संबद्ध संस्थाओं के 29 बैंक खातों में जमा करने की प्रक्रिया होती है.
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केरल में भी एक आतंकवादी शिविर का पता चला है, ED के डोजियर में कहा गया है कि यह संगठन दिल्ली दंगों, हाथरस में अशांति और जुलाई 2022 में पटना में PM मोदी की रैली के दौरान उनकी जान लेने की कोशिश में शामिल था. पिछले कुछ वर्षों में, विभिन्न एजेंसियों ने 26 शीर्ष पदाधिकारियों को गिरफ्तार किया है.
‘PFI के विरोध के तरीके हिंसक प्रकृति के’
2020 से गिरफ्तार किए गए इसके प्रमुख अधिकारियों में सिंगापुर से PFI के लिए हवाला कारोबार करने वाला साहुल हमीद, रऊफ शेरिफ CFI के राष्ट्रीय महासचिव, कतर में स्थित पीएफआई सदस्य शफीक पायेथ और दिल्ली पीएफआई के अध्यक्ष परवेज अहमद शामिल हैं. ED ने कहा, “PFI का असली उद्देश्य जिहाद के जरिए भारत में इस्लामी आंदोलन को अंजाम देना है, हालांकि खुद को PFI सामाजिक आंदोलन के रूप में पेश करता है. सबूतों से पता चलता है कि इस संगठन की ओर से अपनाए गए विरोध के तरीके हिंसक प्रकृति के हैं.”
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ED ने आगे कहा कि जांच के दौरान केरल के कन्नूर जिले के नारथ में एक हथियार प्रशिक्षण शिविर भी मिला, जो PFI फिजिकल एजुकेशन की आड़ में हथियारों के इस्तेमाल का प्रशिक्षण दे रहा था. अब तक, पीएफआई और उसके सहयोगियों ने मनी ट्रेल से 94 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जमा करने का खुलासा हुआ है. ED ने 57 करोड़ रुपये की 35 संपत्ति को ‘अपराध की आय’ बताते हुए जब्त कर लिया है.
डोजियर में ED ने कहा, ” खाड़ी देशों में रहने वाले प्रवासी मुस्लिम प्रवासियों के लिए PFI ने जिला कार्यकारी समितियों का भी गठन कर रखा है. यह विदेशों में धन जुटा रहा है और भारत में आतंकी गतिविधियों में इसका इस्तेमाल कर रहा है.”
ऐसे कसता गया PFI पर शिकंजा
दिसंबर 2020 में ED ने कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI) के महासचिव केए रऊफ शेरिफ को गिरफ्तार किया था. इसके बाद ED और अन्य निकायों ने PFI के खिलाफ जांच शुरू की ताकि इसके पूरे नेटवर्क और धन का पता लगाया जा सके.
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