मनेंद्र पटेल, दुर्ग. स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल के सभी यूनिट अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं. ठेका श्रमिक यूनियनों की मांग है कि उन्हें प्रतिमाह 26000 वेतन दिया जाए जो वर्तमान में 10 से 12 हजार है. ठेका श्रमिकों को केंद्र के समान न्यूनतम वेतनमान दिया जाए। उन्हें भी रात्रि, आवास, कैंटीन भत्ता दी जाए। वहीं बीएसपी के स्थायी कर्मचारियों की मांग है कि उन्हें 39 माह का बकाया एरियर दिया जाए. ग्रेज्युटी सीलिंग हटा जाए, बोनस का पुराना फार्मूला हटाएं, इंसेंटिव स्किम में संसोधन किया जाए. 13 प्रतिशत पर्क्स से उन्हें नुकसान हो रहा है.

सेल की सबसे बड़ी यूनिट भिलाई स्टील प्लांट के सभी गेटों पर कर्मचारियों को आंशिक तौर पर रोकने के बाद ड्यूटी जाने दिया जा रहा है. भारी संख्या में पुलिस बल भी कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए मौजूद हैं. सभी गेट पर विवाद की स्थिति बनी हुई है. वर्कर खुद ही ड्यूटी नहीं आ रहे हैं. रात में ही करीब 2 हजार से ज्यादा कर्मचारियों को वापस कर दिया गया था. बीएसपी के चारों गेट पर कर्मचारी खुद खड़े हैं. मेन गेट पर सीटू और बोरिया गेट पर इंटक और बीएमएस के बैनर दिख रहे हैं.

अन्य गेट पर एचएमएस, लोइमू, एटक, एक्टू, स्टील वर्कर्स यूनियन, इस्पात श्रमिक मंच के झंडे नजर आ रहे हैं. खास बात यह है कि किसी भी गेट से कोई कर्मचारी वापस नहीं लौट रहा है. चंद मिनट के ठहराव के बाद कर्मचारियों को ड्यूटी जाने दिया जा रहा है. इस वजह से बीएसपी प्रबंधन के साथ जिला प्रशासन ने भी राहत की सांस ली है. रेम मिल, यूआरएम और क्रेन ऑपरेशन से जुड़े कर्मचारियों के बारे में बताया जा रहा है कि वे ड्यूटी नहीं गए हैं. कर्मचारी खुद से ही ड्यूटी से नदारद हैं.

श्रमिक यूनियनों ने बीएसपी के हड़ताल को सफल बताया है. हड़ताल से हर दिन पांच रैक आयरन ओर का डिस्पैच होता है, जो खतरे में पड़ गया है. यूनियन चुनाव की वजह से वहां भी कोई यूनियन विवाद करने के मूड में नहीं है. हर गेट पर शांति का माहौल है. हाथों में झंडे और बैनर लिए यूनियन नेता समर्थन मांग रहे हैं, लेकिन कर्मचारी ड्यूटी जाते हुए नजर आ रहे हैं.

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